मुख्य बातें
Bihar Election 2025: पटना. आजादी के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में अधिकतर उम्मीदवार चुनाव प्रचार साइकिल, बैलगाड़ी या पैदल किया करते थे. जीप या गाड़ी तो किसी बिड़ले नेता के पास ही हुआ करती थी. कांग्रेस के जवाहर लाल नेहरू इकलौते नेता थे जो चुनाव प्रचार के लिए हवाई जहाज का उपयोग करते थे, लेकिन 1957 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कट्टरविरोधी रामगढ़ के महाराजा ने भी प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर उतारा था. उस वक्त इन उड़नखटोलों की समाजवादियों ने आलोचना की थी और इसे चुनावी मुद्दा बनाया था. आज बिहार विधानसभा चुनाव में समाजवादियों के कई हेलीकॉटर आसमान में उड़ते दिखाई दे रहे हैं.
Bihar Chunav : 1952 में प्रधानमंत्री होने के कारण नेहरू को मिली थी सुविधा
कांग्रेस नेता जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमंत्री होने के कारण सरकारी हवाई जहाज से चुनाव प्रचार करने की सुविधा मिली थी. उस चुनाव में जवाहर लाल नेहरू ने हवाई जहाज, ट्रेन और गाड़ी से सबसे अधिक सीटों कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार किया था और पार्टी को भारी जीत मिली थी. 1957 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कट्टरविरोधी रामगढ़ के महाराजा ने बिहार में चुनाव प्रचार के लिए पहली बार हेलीकॉप्टर उतारा. 1957 के विस चुनाव में बिहार के ग्रामीण लोगों ने पहली बार चुनाव प्रचार में हेलीकॉप्टर देखा था.
Bihar Chunav : रूस से मंगवाया था हेलीकॉप्टर
रामगढ़ के राजा कामाख्या नारायण सिंह बिहार की राजनीति में विपक्ष के सबसे ताकतवर चेहरा थे. उनकी पार्टी का नाम स्वतंत्र पार्टी था. वे खुद भी चुनाव लड़ते थे. उनके छोटे भाई बसंत नारायण सिंह 1967 की राज्य सरकार में मंत्री भी रहे. 1957 में रामगढ़ के राजा कामाख्या नारायण सिंह अपने और अपने प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के लिए रूस से दो हेलीकॉप्टर मंगवाए थे. समाजवादियों ने उस चुनाव में हेलीकॉप्टर को चुनावी मुद्दा भी बनाया था और रामगढ़ के महाराजा की काफी आलोचना हुई थी.
Bihar Chunav : 1957 में हेलीकॉप्टर देखने जुटती थी भीड़
1957 के चुनाव में राजा कामाख्या नारायण सिंह ने कई दर्जन सीटों पर चुनाव प्रचार किया. जब उनका हेलीकॉप्टर किसी इलाके में पहुंचता था, तो लोगों की भारी भीड़ जमा हो जाती थी. उस समय तक कांग्रेस के बड़े नेता भी हेलीकॉप्टर की जुगाड़ नहीं कर पाते थे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केबी सहाय के चुनाव प्रचार के लिए मध्यप्रदेश के धर्मजयगढ़ के राजा चंद्रचूड़ प्रसाद सिंह ने दो सीटों वाला जहाज भेजा था. लेकिन, तकनीकी खराबी के कारण जहाज का उपयोग नहीं हो पाया. इस चुनाव में हेलीकॉप्टर के चुनावी मुद्दा बनने का असर चुनाव परिणाम पर भी दिखा. कांग्रेस की जीत हुई और स्वतंत्र पार्टी को उम्मीद से कम सीटें मिली.
Bihar Chunav : 1967 में हेलीकॉप्टर ने निकाल दी कांग्रेस की हवा
1967 में आजाद भारत का चौथा आम चुनाव हुआ था. स्वतंत्रता के बाद यह पहला चुनाव था जो पंडित जवाहरलाल नेहरु की गैर-मौजूदगी में कांग्रेस लड़ रही थी. 1967 के आम चुनाव में रानी ललिता राज लक्ष्मी ने धनबाद में चुनाव प्रचार के लिए पहली बार हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया. हेलीकॉप्टर से अधिक से अधिक जनता तक रानी की पहुंच ने इलाके में कांग्रेस की हवा निकाल दी. 1967 के चुनाव में रामगढ़ के महाराजा के छोटे भाई बसंत नारायण सिंह भी हजारीबाग से सांसद निर्वाचित हुए. बाद में उन्होंने लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर विधानसभा का चुनाव लड़ा, जीते और मंत्री भी बने.
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