Bihar Election 2025: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दोनों प्रमुख गठबंधनों ने अपने-अपने घोषणा पत्र जनता के सामने रख दिया है. महागठबंधन का घोषणा पत्र “तेजस्वी प्रण” के नाम से जारी किया गया, जबकि एनडीए का घोषणा पत्र संकल्प पत्र 2025 के रूप में जारी हुआ है. दोनों घोषणा पत्रों में नये बिहार को लेकर वादे किये गये हैं. दोनों में कई महत्वपूर्ण वादे शामिल हैं. अगर दोनों की तुलनात्मक बात की जाये तो चाचा के विजन में कई ऐसे मुद्दे हैं जो भतीजे के घोषणापत्र में नहीं दिख रहे हैं. नीतीश कुमार ने टेक सिटी, फूड पार्क और सेमीकंडक्टर निमार्ण यूनिट के वायदे के साथ बिहार में नये युग का आगाज किया है, वहीं तेजस्वी यादव के वायदों में औद्योगिक विकास से ज्यादा सामाजिक न्याय और आरक्षण पर फोकस है. ऐसे में कहा जा सकता है कि बिहार के भविष्य को लेकर नीतीश कुमार का विजन आज की तरीख में भी तेजस्वी यादव से तगड़ा है.
युवा के लिए केवल नौकरी नहीं रोजगार भी
युवा और बेरोजगारों के लिए बातें तो दोनों गठबंधनों ने प्रमुखता से की है, लेकिन अगर हम ब्लूप्रिंट की बात करें तो तेजस्वी यादव ने वायदों को पूरा करने के रास्ते को स्पष्ट नहीं किया है, जबकि नीतीश कुमार ने बताया है कि वो इन वायदों को कैसे पूरा करेंगे. तेजस्वी ने जहां हर परिवार को एक सरकारी नौकरी की बात कर रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार एक करोड़ बेरोजगारों को रोजी-रोजगार का वादा कर रहे हैं. तेजस्वी यादव सरकार बनने के 20 दिनों के अंदर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम लाया जाएगा. अनुमंडल स्तर पर महिला कॉलेज, प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेज खोलने की बात कर रहे हैं. तेजस्वी कहते हैं कि प्रतियोगिता परीक्षा में शुल्क खत्म करेंगे. परीक्षार्थी को यात्रा भक्ता देंगे. नीतीश कुमार रोजी-रोजगार देने के कई विकल्पों पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं, जिसमें वो ऑद्योगिक निवेश, कौशल विकास और एमएसएमई की बात कर रहे हैं.

सामाजिक न्याय को बढ़ावा
लोककल्याणकारी राज्य की बात करें तो दोनों घोषणा पत्रों में सामाजिक सहायता और पेंशन की बात की गयी है. तेजस्वी के घोषणा पत्र में 25 लाख का ईलाज मुफ्त कराने का वायदा किया है. साथ ही अनुसूचित जाति के लोगों को स्वरोजगार के लिए ब्याज रहित एक मुश्त 5 लाख की सहायता राशि देने की बात की गयी है. साथ ही प्रवासी मजदूरों की गणना करने की योजना है. तेजस्वी के घोषणापत्र में इस बात की भी गारंटी दी गयी है कि पीडीएस वितरकों को मानदेय दिया जायेगा और अनुकंपा की 58 वर्ष की समयसीमा समाप्त की जायेगी. महागठबंधन ने पंचायत और नगर निकाय में आरक्षण की सीमा बढ़ाने का वादा किया है. नीतीश कुमार के घोषणापत्र में असंगठित वर्ग के लिए भी खास योजना का उल्लेख है. सरकार बनने पर इनके लिए कौशल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना होगी. साथ ही सरकार इन लोगों के लिए 4 लाख का बीमा करायेगी. टोटो ड्राइवरों के लिए सस्ते ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था का भी वायदा किया गया है.
छात्रों और बेरोजगारों पर ध्यान
तेजस्वी ने कहा है कि एससी-एसटी समाज के बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश भेजा जायेगा. संविदा कर्मियों को स्थायी किया जायेगा. तेजस्वी के घोषणापत्र में नवोदय के तर्ज पर कर्पूरी आवासीय स्कूल खोलने की बात कही गयी है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड को 4 से बढ़ाकर 8 लाख करने की बात कही गयी है. छात्रों को नि:शुल्क टैबलेट देने की घोषणा. हर जिले में दिव्यांगों के लिए स्कूल खोलने की बात कही गयी है. सभी प्रखंडों में मोबाइल क्लीनिक सेवा, वार्ड और पांचयत स्तर पर क्लीनिक की स्थापना. तेजस्वी यादव जहां 200 यूनिट मुफ्त बिजली की बात करते हैं, वहीं नीतीश कुमार पंचामृत की बात कर रहे हैं, जिसमें 125 यूनिट मुफ्त बिजली, 5 लाख का मुफ्त इलाज, 50 हजार का मकान और सामाजिक पेंशन की गारंटी दे रहे हैं.
महिला सशक्तिकरण पर जोर
तेजस्वी यादव माई-बहिन मान योजना के तहत महिलाओं को 1 दिसंबर से प्रति माह 2500 रुपये देने की बात कर रहे हैं. जीविका दीदियों को स्थायी सरकारी कर्मी बनाने और उन्हें 30,000 रुपये मासिक वेतन देने की बात कर रहे हैं. सरकारी बसों में महिला को किराया मुक्त यात्रा की सुविधा देने की बात कही गयी है. वहीं नीतीश कुमार का जोर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर है. वो महिलाओं को 2 लाख तक सहायता राशि देने की बात कर रहे हैं. एक करोड़ महिलाओं को इस माध्यम से करोड़पति बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. कुटिर उद्योग में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भी नीतीश कुमार ने खास प्लान बनाया है. बिहार में 100 एमएसएमआई पार्क का निर्माण किया जायेगा. साथ ही 50 हजार कुटिर उद्योग की स्थापना के लिए कम ब्याज पर कर्ज मुहैया कराने की बात कही गयी है.
कृषि और किसान की चिंता
किसान और कृषि को लेकर चिंता दोनों गठबंधनों के घोषणा पत्र में है. तेजस्वी यादव किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी देने की बात कर रहे हैं, जबकि नीतीश कुमार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के साथ ही कर्पूरी ठाकुर किसान सहायता सम्मान और जुब्बा सहनी मत्स्य पालक सहायता निधि की बात कर रहे हैं. इन दोनों योजनाओं से 9000 किसानों को 3 हजार रुपये की सहायता मिलेगी. साथ ही 9000 मछली पालकों को 4.5 हजार रुपये की सहायता दी जायेगी. तेजस्वी यादव जहां प्रखंड स्तर पर फसल की खरीद की बात कर रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार ने धान, गेंहू, दलहन और मक्का की खरीद पंचायत स्तर पर करने की बात कही है. मछली निर्यात का लक्ष्य भी दोगुना किया गया है. दूध उत्पादकों के लिए प्रखंड स्तर पर भंडारण की सुविधा होगी. नीतीश कुमार ने बिहार में एग्रो इम्फ्रास्टेक्चर के विकास के लिए एक लाख करोड़ के निवेश की बात कही है.
आधारभूत संरचना के विकास पर जोर
बिहार में आधारभूत संरचनाओं को लेकर भी दोनों गठबंधनों ने काफी कुछ कहा है. तेजस्वी यादव ने दो हजार एकड़ में नये संस्थान की बात कही गयी है, जिसमें उद्योग और रोजगार संबंधित संस्थान स्थापित होंगे.उन्होंने राज्य में 5 नए एक्सप्रेसवे बनाने की बात कही है, वहीं नीतीश कुमार के घोषणा पत्र में शहरी विकास और आधारभूत संरचनाओं पर इस बार खास फोकस है. नीतीश कुमार ने गतिश्क्ति मास्टर प्लान के तहत 7 नये एक्सप्रेसवे की बात की है. 4 शहरों में मेट्रो चलाने का वादा भी किया गया है. इसके साथ ही न्यू पटना ग्रीनफिल्ड टाउनशिप, 4 शहरों में सेटेलाइट सिटी और तीन शहरों में मेगा पार्क बनाने की बात कही गयी है. पटना के अलावा चार शहरों में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, 10 शहरों में घरेलू एयरपोर्ट शुरू करने की भी बात की गयी है. दरभंगा प्रमंडल में टेक्सटाइल पार्क तो भागलपुर प्रमंडल में सिल्क पार्क की स्थापना करने की बात कही गयी है.
पर्यटन और शिक्षा के नये संस्थान
पर्टयन और शिक्षा को लेकर नीतीश कुमार का विजन तेजस्वी के विजन से न केवल आगे है, बल्कि स्पष्ट भी है. बिहार में रामायण और गंगा सर्किट का विकास किया जायेगा. सीतामढ़ी को सीतापुरम के रूप में विकसित करने की बात कही गयी है. नीतीश कुमार केजी से पीजी तक की शिक्षा मुफ्त देने की बात करते हैं. जिला स्कूलों में आधाभूत संरचना बढ़ाने के लिए 5 हजार करोड़ देने की बात कर रहे हैं. सरकारी स्कूलों में स्किल लैब की बात की गयी है. हर जिले में मेडिकल कॉलेज और बिहार में ऑटिज्म पीड़ित बच्चों के लिए विशेष स्कूल खोलने की बात उल्लेखनीय है. तेजस्वी यादव ने जहां फुले-फातिमा के नाम पर महिला विश्वविद्यालय की स्थापना करने का वायदा किया है, वहीं नीतीश कुमार ने प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के नाम पर कला एंव सांस्कृतिक विश्वविद्यालय की घोषणा भी की है. इसके साथ ही घोषणापत्र में बिहार स्कूल आफ ड्रामा और फिल्म एंव डेलीविजय संसथान की स्थापना की बात भी कही गयी है.
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