Bihar Election 2025: पटना. एनडीए में सीट शेयरिंग का मामला उलझ गया है. जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीट शेयरिंग फार्मूले से बेहद नाराज है. नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि भाजपा इसपर फिर से विचार करे. नीतीश कुमार की नाराजगी ने भाजपा कैंप में बैचेनी बढ़ा दी है. प्रदेश भाजपा के अधिकारियों ने त्राहिमाम संदेश दिल्ली आलाकमान को भेजा है. हालात इतने नाजुक हो चुके हैं कि संभावना जताई जा रही है कि दोनों के बीच विवाद को शांत करने के लिए अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद मंगलवार को पटना आ सकते हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है.
9 सीटों को लेकर बढ़ा विवाद
नीतीश कुमार को जैसे ही पता चला कि नये फार्मूले के तहत नालंदा और सहरसा में जदयू की सीट चिराग पासवान की पार्टी लोजपा(आर) को मिल गया है, वो गुस्से से लाल हो गये. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 सीटों के बंटवारे से खासे नाराज बताए जा रहे हैं. खासकर सोनवर्षा सीट चिराग पासवान की पार्टी को दिये जाने से नीतीश कुमार गुस्से में हैं. सोनवर्षा के वर्तमान विधायक और नीतीश कैबिनेट के मंत्री रत्नेश सदा ने फोन पर मुख्यमंत्री से बात की और उन्हें इस बात की जानकारी दी. पूरा मामला सामने आने के बाद नीतीश कुमार बेहद नाराज हो गये. उन्होंने एक एक कर सभी पार्टी प्रतिनिधयों की क्लास ली, जो भाजपा के साथ सीट शेयरिंग पर बात कर रहे थे. उन्होंने साफ कह दिया कि वो किसी भी हाल में इन 9 सीटों को छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं. इन सीटों को लेकर बीजेपी से फिर विचार करने की मांग की है. खबर है कि नीतीश कुमार ने कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा को भाजपा शीर्ष नेतृत्व से सीधे बातचीत करने का निर्देश दिया है.
संजय झा के घर पूरी रात चली बैठक
सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार ने पहले ही जदयू के लिए 103 सीटें फाइनल की थीं, लेकिन NDA में बंटवारे के दौरान पार्टी को केवल 101 सीटें ही मिलीं. इनमें से 9 सीटें ऐसी हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. इनमें से कई सीटें पहले लोजपा (रामविलास ) के खाते में दी गई थीं, जिससे जदयू असंतुष्ट है. नीतीश कुमार चाहते हैं कि जिन इलाकों से उनकी पार्टी परंपरागत रूप से मजबूत रही है, वहां से उम्मीदवार वही पार्टी उतारे. इस विवाद के बाद जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा के आवास पर देर रात भाजपा और जदयू नेताओं की मैराथन बैठक हुई.

