Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन के भीतर चली तनातनी अब थमती दिख रही है. बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पटना पहुंचे और राबड़ी देवी आवास पर लालू प्रसाद यादव व तेजस्वी यादव से लंबी चर्चा की.
मुलाकात में तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने पर सहमति बन चुकी है. इसकी औपचारिक घोषणा गुरुवार को महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में होगी, जहां साझा घोषणा पत्र भी जारी किया जाएगा.
राबड़ी आवास पर गहलोत की अहम बैठक
अशोक गहलोत कल बुधवार को पटना एयरपोर्ट से सीधे राबड़ी देवी आवास पहुंचे थे. यहां उन्होंने करीब एक घंटे तक लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के साथ चुनावी रणनीति, सीट बंटवारे और संयुक्त प्रचार योजना पर चर्चा की. बैठक में कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, राजद के वरिष्ठ नेता मंगनीलाल मंडल, सुनील सिंह और संजय यादव भी मौजूद थे. बातचीत सकारात्मक रही और गठबंधन में बनी खटास को खत्म करने पर सहमति बनी है. गहलोत ने कहा, “थोड़ा भ्रम पैदा कर दिया गया था. अब सब साफ हो जाएगा.”
पत्रकारों से बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा कि बिहार में 243 सीटें हैं और 5-7 सीटों पर स्थानीय स्तर पर ‘फ्रेंडली फाइट’ होना कोई बड़ी बात नहीं है. उन्होंने कहा, “सभी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं. थोड़े-बहुत मतभेद हर गठबंधन में होते हैं, लेकिन मकसद एक है — एनडीए की नीतियों के खिलाफ जनादेश लाना.”
आर्थिक न्याय बनेगा घोषणा पत्र का केंद्र
महागठबंधन के साझा संकल्प पत्र में इस बार ‘आर्थिक न्याय’ को प्रमुख फोकस बनाया गया है. रोजगार, शिक्षा, महिलाओं की भागीदारी और सामाजिक सुरक्षा पर ठोस वादे होंगे. तेजस्वी यादव ने फेसबुक पर लिखा कि बैठक “सकारात्मक माहौल में हुई और गुरुवार को सभी मुद्दों पर स्पष्ट घोषणा की जाएगी.”
कांग्रेस की ओर से कृष्णा अल्लावरु ने कहा, “एनडीए को अब बताना चाहिए कि उसने जनता के लिए क्या किया. महागठबंधन की सरकार आने पर हम बताएंगे कि जनता के लिए क्या करेंगे.”
संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में होगा बड़ा ऐलान
आज गुरुवार को पटना में महागठबंधन के सभी प्रमुख दलों की साझा प्रेस कान्फ्रेंस होगी. इसमें तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने और साझा घोषणा पत्र जारी होने की संभावना है. साथ ही, सीट बंटवारे से जुड़ी उलझनों और प्रचार अभियान के कार्यक्रम पर भी अंतिम रूप दिया जाएगा.
यह बैठक न केवल महागठबंधन के भीतर की दूरी घटाती है, बल्कि यह भी साफ करती है कि लालू-तेजस्वी की जोड़ी अब इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है. कांग्रेस भी इस बार पहले से ज्यादा मुखर दिख रही है, जबकि वाम दलों के साथ तालमेल की घोषणा भी लगभग तय है.

