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Bihar Election 2025: अनुराग शरण/संतोष चंद्रकांत, बिक्रमगंज. दिनारा विधानसभा सीट. पिछले दो दशक से सियासत का उतार-चढ़ाव झेल रहा है. परिसीमन के बाद पहले 2010 और दूसरे 2015 के चुनाव में जीत दर्ज करने वाले जदयू के पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह 2020 के चुनाव हार गये थे. 2025 के इस चुनाव में गठबंधन की राजनीति का यहां सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है. जदयू के बागी जयकुमार सिंह निर्दलीय मैदान में आ डटे हैं. तो, पिछले 2020 के चुनाव में भाजपा के बागी के रूप में लोजपा से चुनाव लड़कर हार चुके राजेंद्र सिंह गठबंधन की चुनावी मार से न सिर्फ मैदान से बाहर हैं, बल्कि कहीं नजर भी नहीं आ रहे.
Bihar Chunav: किनारे लगे भाजपा-जदयू कार्यकर्ता
गठबंधन की राजनीति के कारण भाजपा और जदयू दोनों किनारे लग चुके हैं और एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा के आलोक कुमार सिंह मैदान में आ डटे हैं. यही पर राजेंद्र सिंह की भूमिका को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गरम हो उठा है कि उनका वरदहस्त किसके साथ. पहला एनडीए के होने के नाते राष्ट्रीय लोक मोर्चा की ओर या दूसरा वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर राजनीतिक भविष्य के लिए निर्दलीय जयकुमार सिंह के साथ. हालांकि, राजेंद्र सिंह का क्षेत्र में किसी की ओर से विचरण लगभग शून्य है. पर, फोन से भी किसी को आशीर्वाद दे दिया, तो उसकी लॉटरी लगनी तय मानी जा रही है.
Bihar Chunav: दिनारा तीन पीढ़ियों के संघर्ष का बना है मैदान
2025 में दिनारा विधानसभा सीट तीन पीढ़ियों रामधनी सिंह की परंपरा, जयकुमार सिंह का द्वंद और अब नये चेहरे एनडीए प्रत्याशी आलोक कुमार सिंह और राजद प्रत्याशी शशि शंकर कुमार उर्फ राजेश यादव के राजनीतिक संघर्ष का मैदान बन चुका है. दिनारा का रण एक बार फिर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के चर्चा के केंद्र में है. कौन जीतता है, यह तो नतीजे बतायेंगे. लेकिन, इतना तय है कि इस बार भी बिहार की राजनीति का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला रणक्षेत्र दिनारा रहेगा. कांग्रेस विधायक रहे स्वर्गीय लक्ष्मण सिंह के भतीजा और नटवार के प्रसिद्ध दंत चिकित्सक डॉ यशपाल ने कहा कि दिनारा की सामाजिक बनावट में राजपूत, यादव, कुशवाहा, कुर्मी और ब्राह्मण, भूमिहार, वैश्य के साथ साथ अतिपिछड़ी मतदाताओं की तिकड़ी हमेशा से निर्णायक रही है. यही वजह है कि हर चुनाव में यह सीट अप्रत्याशित नतीजे देती है.
Bihar Chunav:विजेता व उपविजेता दोनों हुए गायब
2020 के चुनाव में राजद के उम्मीदवार विजय कुमार मंडल जीते थे और दूसरे स्थान पर लोजपा प्रत्याशी के रूप में खड़े राजेंद्र सिंह थे. इस बार के चुनाव में दोनों मैदान से बाहर हैं. इस कारण 2025 में इस सीट पर नया समीकरण बनता दिख रहा है. राजद ने अपने सिटिंग विधायक विजय कुमार मंडल का टिकट काटकर शशि शंकर कुमार उर्फ राजेश यादव को उम्मीदवार बनाया है. जबकि, एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो ने आलोक कुमार सिंह को मैदान में उतारा है. इन फैसलों से महागठबंधन व एनडीए दोनों के कार्यकर्ताओं का एक-एक धड़ा कुछ अलग ही गुल खिलाने में लगा है.
Bihar Chunav:त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा के आलोक कुमार सिंह व राजद के राजेश यादव के बीच निर्दलीय प्रत्याशी जयकुमार सिंह त्रिकोणीय मुकाबला के लिए संघर्ष कर रहे हैं. रालोमो और राजद को अपने परंपरागत वोटों का सहारा है, तो निर्दलीय जयकुमार सिंह अपने पुराने कार्यकर्ता तंत्र, राजद के फैसले से नाराज वोटरों और अपनी कार्यशैली पर भरोसा कर रहे हैं.
Bihar Chunav: बाहरियों से पटा है दिनारा क्षेत्र
इस चुनाव में दिनारा विधानसभा क्षेत्र में कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं. जिसमें सात राजनीतिक दलों के प्रत्याशी हैं, तो पांच निर्दलीय हैं. सबसे दिलचस्प बात है कि बाहरी प्रत्याशी दल और निर्दल दोनों से हैं. यहां बक्सर, कैमूर व रोहतास जिले के निवासी किस्मत आजमा रहे हैं. प्रमुख दलों में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार भूपेश सिंह बक्सर जिले के निवासी हैं, तो बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार मालती देवी नोखा विधानसभा क्षेत्र की. रालोमो प्रत्याशी आलोक कुमार सिंह और राजद प्रत्याशी राजेश यादव कैमूर जिले के निवासी हैं, तो निर्दलीय जयकुमार सिंह करगहर विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं. दलों में जनसुराज पार्टी के संजय कुमार, लोहिया जनता दल के अनिल कुमार सिंह और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के मनोज कुमार सिंह, निर्दलीय रमाकांत राम, मुन्ना सिंह, निरंजन कुमार राय, अभिषेक रंजन इसी विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं.
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