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Bihar Election 2025: पटना. सुबोध कुमार नंदन. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार थम चुका है, लेकिन उम्मीदवारों की चिंताएं अभी भी खत्म नहीं हुई हैं. अब जब प्रचार का शोर थम गया है, तो कई प्रत्याशी जनता के साथ-साथ ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति पर भी भरोसा जता रहे हैं. राज्यभर में प्रत्याशी ज्योतिषाचार्यों की शरण में जाकर अपनी कुंडली में ‘राजयोग’ की तलाश कर रहे हैं. भारतीय राजनीति और आस्था का यह संगम अब चुनावी रणनीति का हिस्सा बन चुका है, जहां प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए ज्योतिषीय उपाय अपना रहे हैं.
Bihar Chunav: ग्रह गोचर के अनुसार करा रहे पूजा पाठ
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य राकेश झा ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान कई प्रत्याशी लगातार उनसे संपर्क में बने हुए हैं. वे अपनी कुंडली में ग्रहों की महादशा, अंतरदशा और प्रत्यंतर दशा के अनुसार जीत की संभावना और उपाय जानना चाहते हैं. आचार्य झा के अनुसार, उम्मीदवारों को न केवल ग्रह-गोचर के अनुसार पूजा-पाठ के सुझाव दिये जा रहे हैं, बल्कि प्रचार के समय पहनने वाले कपड़े का रंग, यात्रा की दिशा और वाहन की संख्या तक ज्योतिषीय गणना से तय की जा रही है.
Bihar Chunav: विजयदायक सिद्ध हो सकती है ये लग्न
देवोत्थान एकादशी के बाद शुभता का दौर शुरू होने के कारण, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अब शुभ नक्षत्रों की उपस्थिति प्रत्याशियों के भाग्य को प्रभावित कर सकती है. आचार्य झा बताते हैं कि अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, श्रवणा, धनिष्ठा और रेवती जैसे नक्षत्र चुनावी भाग्य के लिए शुभ माने जा रहे हैं. वहीं वृष, कर्क, सिंह, तुला, धनु और मीन लग्न वाले उम्मीदवारों के लिए ग्रहों की स्थिति विजयदायक सिद्ध हो सकती है.
Bihar Chunav: प्रबल हो सकता है सत्ता का ‘राजयोग’
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यदि किसी प्रत्याशी की कुंडली में पंच महापुरुष, गजकेसरी, नीचभंग, विपरीत, परिजात, राजाधिराज, बुधादित्य या महालक्ष्मी योग बन रहा है, तो उनके पक्ष में सत्ता का ‘राजयोग’ प्रबल हो सकता है. वहीं नवंबर माह में ग्रहों की विशेष स्थिति शनि मीन, गुरु कर्क, राहु कुंभ और सूर्य तुला राशि में राजनीतिक परिस्थितियों को अनिश्चित बना सकती है. 6 नवंबर के मतदान दिवस पर भरणी और कृत्तिका नक्षत्र का संयोग, जबकि 14 नवंबर के परिणाम दिवस पर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के साथ ऐन्द्र और वैधृति योग के बनने से कई सीटों पर अप्रत्याशित परिणाम सामने आ सकते हैं.
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