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Bihar Crime: पटना में साइबर अपराध चरम पर, दूसरे अपराधों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा दर्ज हो रहे केस

Bihar Crime: पटना साइबर थाना नौ जून 2023 को खोला गया था. इसमें फिलहाल एक डीएसपी साइबर थाने के इंचार्ज के पद पर पदस्थापित हैं. जबकि 15 इंस्पेक्टर व आठ सब इंस्पेक्टर कार्यरत हैं.

Bihar Crime: पटना. साइबर बदमाश लगातार लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. पटना जिले के साइबर थाने में प्रतिदिन कम से कम सात केस दर्ज किये जा रहे हैं. बदमाश सात लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं या फिर उनके खाते से पैसों की निकासी कर रहे हैं. 2025 खत्म होने में 13 दिन बाकी हैं और साइबर थाने में जनवरी से लेकर 15 दिसंबर तक 2472 केस दर्ज किये जा चुके हैं. इसके अलावा लोकल थानों में भी कई केस दर्ज किये गये हैं. बदमाशों ने 10-20 हजार से लेकर दो करोड़ की ठगी की घटना को अंजाम दिया है. खास कर मोटी रकम शेयर में ट्रेडिंग करने का झांसा देकर ठगी की गयी है. साथ ही सेक्सटॉर्शन, डिजिटल अरेस्ट, बिजली बिल अपडेट का झांसा देकर भी ठगी की गयी.

हर साल तीन गुना अधिक मामले दर्ज

साइबर थाने में आम थानों की अपेक्षा हर साल तीन गुना मामले दर्ज होते हैं. आम थानों में 800 से 1000 केस हर साल दर्ज होते हैं. लेकिन साइबर थाने में हर साल 2500 से अधिक केस दर्ज किये जा रहे हैं. पटना के साइबर थाने में दर्ज करीब 60 फीसदी मामलों में इसी तरह से ठगी की गयी है. पुलिस लगातार साइबर अपराध को लेकर लोगों को जागरूक कर रही है. इसके बावजूद लगातार बदमाश लोगों को ठगी का शिकार बनाने में कामयाब हो रहे हैं. साइबर थाने की पुलिस ने गेमिंग एप के माध्यम से ठगी करने वाले और पतंजलि योगपीठ में इलाज कराने के नाम पर जालसाजी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. लेकिन ठगी की घटनाएं कम नहीं हो रही है. पुलिस को गिरोह के कुछ सदस्य हाथ लगे, लेकिन सरगना नहीं पकड़ा गया है.

एक घटना में तीन राज्यों से जुड़ जाते हैं कनेक्शन

साइबर बदमाशों के सरगना या गिरोह के सदस्यों की बड़े पैमाने पर इसलिए भी गिरफ्तारी नहीं हो पाती है, क्योंकि कई मामलों में अपराध का कनेक्शन तीन राज्यों से जुड़ जाता है. यह गिरोह इतना शातिर है कि महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान या अन्य राज्यों से कॉल करते हैं. सिम कार्ड इनका पश्चिम बंगाल का होता है और खाता बिहार के पटना, बेतिया, मधुबनी, सीतामढ़ी आदि जिलों का होता है. इसका नतीजा है कि साइबर बदमाशों के सरगना गिरफ्तार नहीं होते हैं. केवल वैसे ही लोग पकड़े जाते हैं, जिनके नाम पर खाता होता है. साथ ही साइबर थाने की पुलिस के पास इतना संसाधन नहीं है कि वह हर केस की गहनता से जांच कर सके.

किस साल कितने मामले आये

वर्ष 2025 (15 दिसंबर तक)-2472
वर्ष 2024-2582
वर्ष 2023-737

इस तरह के साइबर क्राइम के होते हैं लोग शिकार

-वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर शेयर में निवेश कराना
-डिजिटल अरेस्ट का भय दिखा कर ठगी करना
-बिजली विभाग का अधिकारी बन कर ठगी करना
-क्रेडिट कार्ड अपडेट करने या लिमिट बढ़ाने का झांसा देकर ठगी करना

क्या है पटना साइबर थाने की स्थिति

पटना साइबर थाना नौ जून 2023 को खोला गया था. इसमें फिलहाल एक डीएसपी साइबर थाने के इंचार्ज के पद पर पदस्थापित हैं. जबकि 15 इंस्पेक्टर व आठ सब इंस्पेक्टर कार्यरत हैं. जिस तरह से केस दर्ज किये जा रहे हैं, उसके अनुपात में पुलिस बल की काफी कमी है. इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर केस का अनुसंधान करते हैं और उन पर काम का काफी लोड होता है. एक-एक अनुसंधानकर्ता के पास 200 से अधिक केस की जांच का जिम्मा है. साइबर थाने पर केस का भार कम करने के लिए तत्कालीन एसएसपी अवकाश कुमार ने लोकल थाने में साइबर क्राइम के केस दर्ज करने का आदेश दिया था.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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