Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन यानी भाकपा (माले) ने रविवार को भोजपुर से अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. ‘संकल्प यात्रा’ और दलित नेता राम नरेश राम की पुण्यतिथि के मौके पर जारी इस घोषणा पत्र में पार्टी ने भूमिहीनों, किसानों, मजदूरों, युवाओं, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए कई बड़े वादे किए हैं. माले ने कहा कि यह घोषणा पत्र “जनता के संघर्ष और सपनों” का दस्तावेज है.
20 सीटों पर मैदान में उतरेगी माले
भाकपा (माले) आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार की 20 सीटों पर लड़ने जा रही है और महागठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी. पार्टी का कहना है कि वह वैकल्पिक राजनीति के जरिए गरीबों और वंचितों की आवाज बनेगी.
घोषणा पत्र के साथ ही माले ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उसका अभियान केवल चुनावी वादों तक सीमित नहीं, बल्कि संघर्ष आधारित राजनीति की निरंतरता है. भोजपुर से उठी यह आवाज अब पूरे बिहार में बदलाव का आह्वान कर रही है.
भूमिहीनों के लिए ‘जमीन और घर’ का वादा
माले ने अपने घोषणा पत्र में भूमि सुधार को चुनावी एजेंडा के केंद्र में रखा है. पार्टी ने वादा किया है कि ग्रामीण इलाकों में हर बेघर परिवार को पांच डिसमिल जमीन मिलेगी, वहीं शहरी इलाकों में तीन डिसमिल भूमि के साथ पक्का घर बनाया जाएगा. इसके अलावा बंद्योपाध्याय आयोग की सिफारिशों के तहत 21 लाख एकड़ भूमि के पुनर्वितरण की मांग दोहराई गई है.
पार्टी का कहना है कि भूमिहीनों के लिए यह कदम सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा। साथ ही किसी भी गरीब या दलित परिवार को पुनर्वास के बिना बेघर नहीं किया जाएगा.
किसानों और मजदूरों के लिए राहत के वादे
घोषणापत्र में किसानों और ग्रामीण मजदूरों को राहत देने की कई घोषणाएं की गई हैं. पार्टी ने सभी फसलों की सरकारी खरीद और लाभकारी मूल्य की गारंटी देने का भरोसा जताया है. हर खेत तक पानी पहुंचाने, नहरों के आधुनिकीकरण और कृषि के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा भी शामिल है.
माले ने कहा है कि ग्रामीण मजदूरों और छोटे किसानों का कर्ज पूरी तरह माफ किया जाएगा. मनरेगा के तहत 200 दिनों का रोजगार और 600 रुपए की दैनिक मजदूरी का प्रावधान लाने की बात भी कही गई है.
65 फीसदी आरक्षण और पुरानी पेंशन योजना की वापसी
घोषणा पत्र में भाकपा (माले) ने स्पष्ट किया कि वंचित समुदायों के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण की मांग को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा. यह आरक्षण SC, ST, OBC और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक संतुलन स्थापित करेगा.
इसके साथ ही माले ने राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की घोषणा की है, ताकि सरकारी कर्मचारियों को सम्मानजनक भविष्य मिले. पार्टी ने रसोइया, आशा, आंगनवाड़ी, ममता, जीविका और सफाईकर्मियों को सरकारी दर्जा व नियमित वेतन देने का वादा किया है.
युवाओं के रोजगार और शिक्षा पर फोकस
युवा मतदाताओं को साधते हुए माले ने बेरोजगारी भत्ता और समान शिक्षा प्रणाली का बड़ा वादा किया है. पार्टी ने कहा है कि राज्य में सभी रिक्त सरकारी पदों पर जल्द नियुक्ति की जाएगी और बेरोजगार युवाओं को 3,000 रुपए प्रतिमाह भत्ता मिलेगा.
इसके अलावा, छात्रवृत्ति राशि में बढ़ोतरी, पेपर लीक पर सख्त कानून, और हर जिले में सरकारी कॉलेज और टेक्निकल संस्थान खोलने की बात कही गई है. महिलाओं के लिए हर प्रखंड में महिला कॉलेज और 2,500 रुपए की मासिक आर्थिक सहायता का वादा भी घोषणा पत्र में शामिल है.
मुफ्त इलाज, स्वास्थ्य सेवाओं में बहाली
भाकपा (माले) ने राज्य में मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था का बीड़ा उठाया है. पार्टी का कहना है कि सभी जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं, जांचों और इलाज की मुफ्त सुविधा दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की रिक्तियों को तुरंत भरा जाएगा ताकि ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा व्यवस्था मजबूत हो सके.
घोषणा पत्र में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर भी ठोस बातें की गई हैं. पार्टी ने वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, सांप्रदायिक हिंसा पर त्वरित कार्रवाई और नागरिक अधिकारों की रक्षा का आश्वासन दिया है. माले का दावा है कि उसके शासन में कोई ऐसा कानून लागू नहीं होने दिया जाएगा जो संविधान या संघीय ढांचे के खिलाफ हो.

