Bihar Cabinet: नीतीश कुमार ने गुरुवार को रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह के लिए पटना के गांधी मैदान को दुल्हन की तरह सजाया गया था. नीतीश कुमार के साथ 26 नए मंत्रियों ने भी शपथ ली. इन्हीं में बीजेपी के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव भी शामिल थे, जो लोकसभा चुनाव 2024 में मीसा भारती से हार गए थे. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी ने उन्हें दानापुर से टिकट दिया है, जहां उनका मुकाबला राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव से था.
रीतलाल के लिए प्रचार करने गए थे लालू यादव
बीजेपी ने जब दानापुर से रामकृपाल यादव को टिकट दिया, तो कयास लगाए जाने लगे कि जीत की स्थिति में पार्टी उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बना सकती है. लेकिन यह चुनाव उनके लिए बिल्कुल आसान नहीं था. चुनाव प्रचार के दौरान रीतलाल यादव जेल में थे, इसलिए उनके समर्थन में खुद लालू प्रसाद यादव मैदान में उतरे और वोट मांगे.
रामकृपाल यादव के समर्थन में भी बीजेपी के कई दिग्गज नेता जुटे. 14 नवंबर को जब परिणाम आया, तो रामकृपाल यादव ने रीतलाल यादव को 29133 वोटों के बड़े अंतर से हराया. रीतलाल यादव का करारी हार मिली.
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RJD से की राजनीतिक करियर की शुरुआत
2 अक्टूबर 1957 को पटना में जन्मे राम कृपाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से की. शुरुआती दौर में वे लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी सहयोगी माने जाते थे. पटना नगर निगम में 1992-93 के दौरान वे डिप्टी मेयर बने और इसके बाद बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में भी सक्रिय रहे.
उनकी पहचान तब बनी जब वे पटना और पाटलिपुत्र सीट से कई बार सांसद चुने गए. 2014 में जब RJD से उन्हें टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया. भाजपा में शामिल होते ही उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया, जहां उन्होंने ग्रामीण विकास और जल एवं स्वच्छता जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभाली.
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