बाबा बागेश्वर यानी आचार्य धीरेंद्र शास्त्री पिछले दिनों बिहार आए थे. गोपालगंज जिले में पांच दिनों तक हनुमंत कथा का आयोजन हुआ. लाखों श्रद्धालु बाबा बागेश्वर की कथा सुनने के लिए दूर-दराज से आए. जब बेला विदाई की आयी और कथा का समापन होना था तो बाबा बागेश्वर बेहद भावुक दिखे. उन्होंने गरीबों और अमीरों के लिए समाज में अलग-अलग नजरिये के बारे में वो कड़वा सच बताया जो आज के दौर में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि मैंने खुद ये झेला है.
कथा के बीच भावुक हुए बाबा बागेश्वर
गोपालगंज में कथा के दौरान अपने भक्तों के सामने ही बाबा बागेश्वर भावुक हो गए. उन्होंने अमीर और गरीब के साथ होने वाले व्यवहार में अंतर को बताया. आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- किसी के भरोसे मत रहना. ये दुनिया बहुत विचित्र है. यह दुनिया उसी को पूछती है जो फेमस हो, नेता हो या फिर अमीर हो. मंच पर भी वही चढ़ते हैं. गरीब तो बस ताली बजाने के लिए होता है.
गरीबों के परमात्मा होते हैं… बोले धीरेंद्र शास्त्री
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- साधारण को कोई नहीं पूछता. मिलने मिलाने और फोटो भी उसी की खिंची जाती है जो बड़ा होता है. गाड़ी में भी उसी को बैठाया जाता है जो बड़ा हो. हमने अपने आंखों से वो दिन देखे हैं. इसलिए प्रण से कह सकते हैं कि गरीब के तो बस परमात्मा होते हैं. उनके रामजी होते हैं.
अपने पुराने दिनों को याद करके रोए आचार्य
बाबा बागेश्वर ने बिहार के लोगों से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी आत्मा और घर का सदस्य बताया. कहा कि आपके जिंदगी में बहार आ जाए. ये तब होगा जब आप राम जी की शरण पकड़ेंगे. उन्होंने कहा- हमने भी अपनी जिंदगी में बहुत कुछ झेला है. मेरे पिताजी को निमंत्रण नहीं दिया जाता था. शादी के कार्ड में उनका नाम नहीं लिखा जाता था क्योंकि वो गरीब थे. मेरी मां तब कहती थीं कि श्रीराम के शरण में रहो, हमारे दिन भी आएंगे.