संवाददाता, पटना
चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) में डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती को पर्यावरणीय जागरूकता और सामाजिक न्याय के प्रतीक रूप में मनाया. सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण और जल सिंचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कार्यक्रम की शुरुआत संविधान निर्माता डॉ अंबेडकर को नमन करते हुए की गयी. कुलपति प्रो फैजान मुस्तफा ने कहा कि डॉ आंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी पर्यावरणविद भी थे, जिनके विचार आज भी हमें प्रेरणा देते हैं. पौधारोपण के जरिये हम उनके आदर्शों को क्रियात्मक रूप देते हैं. कुलसचिव प्रो एसपी सिंह ने कहा कि जैसे उन्होंने सामाजिक प्रगति की नींव रखी, वैसे ही हमें प्रकृति और भविष्य को संरक्षित करना चाहिए. एससी-एसटी प्रकोष्ठ की प्रभारी निधि कुमारी ने कहा कि हरित गतिविधियों के जरिए छात्रों को सामाजिक और संवैधानिक मूल्यों से जोड़ना समय की मांग है.फिल्म ‘असुरन’ की विशेष स्क्रीनिंग
कार्यक्रम की विशेषता रही प्रशंसित तमिल फिल्म ‘असुरन’ की स्क्रीनिंग, जिसे जातिगत उत्पीड़न और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों के प्रभावशाली चित्रण के लिए जाना जाता है. इसने छात्रों और शिक्षकों को संविधान, समानता और न्याय पर गहन संवाद का अवसर प्रदान किया. कार्यक्रम का समापन डॉ आंबेडकर के विचारों के अनुरूप शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता के जरिए राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है