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स्टूडेंट्स के आइडिया को आकार देगा एकेयू का इनक्यूबेशन सेंटर: कुलपति

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) अब नये आइडिया को लेकर स्टूडेंट्स को मार्गदर्शन करेगा.

-एकेयू इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र का होगा विकास: कुलपति -उद्यमिता विकास पर एकेयू इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा संबद्ध महाविद्यालयों के साथ कुलपति की हुई ऑनलाइन बैठक

संवाददाता, पटना:

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) अब नये आइडिया को लेकर स्टूडेंट्स को मार्गदर्शन करेगा. बेहतर आइडिया को जमीन पर उतारने के लिए यूनिवर्सिटी हर मामले में स्टूडेंट्स को सपोर्ट करेगा. इसके लिए रविवार को एकेयू इनक्यूबेशन सेंटर की ओर संबद्ध महाविद्यालयों के साथ ऑनलाइन बैठक हुई. कुलपति प्रो शरद कुमार यादव की अध्यक्षता में उद्यमिता विकास के विषय पर चर्चा हुई. प्रो शरद कुमार यादव ने कहा कि एकेयू इन्क्यूबेशन सेंटर विद्यार्थियों तथा नये उद्यमियों को उनके नवाचार को मूर्तरूप देने के लिए अवसर प्रदान करने के लिए काम कर रहा है. इस बैठक का उद्देश्य विश्वविद्यालय अंतर्गत इन्क्यूबेशन सेंटर की गतिविधियों और रणनीतियों से विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों को अवगत कराना था. कुलपति ने कहा कि उद्यमिता न केवल किसी एक व्यक्ति या समूह को विकसित करता है बल्कि ये राज्य और देश को भी विकसित करने में मदद करता है. इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना स्टार्टअप, शिक्षा और अनुसंधान को ध्यान में रखकर की गयी है. इसलिए शैक्षणिक ढांचे में इसकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है. इसका उद्देश्य स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करना है. उद्यमिता अब केवल एक वैकल्पिक रोजगार नहीं है. यह आर्थिक विकास, नवाचार और सामाजिक परिवर्तन का एक प्रमुख चालक बन गया है. प्रौद्योगिकी की तीव्र प्रगति और वैश्विक आर्थिक रुझानों में बदलाव के साथ, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को विद्यार्थियों की उद्यमशीलता की मानसिकता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए. एकेयू के संबद्ध कॉलेज इस पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण हैं इसलिए सभी महाविद्यालयों को इसका अनिवार्य रूप से हिस्सा बनना चाहिए. बैठक में सीआइएमपी के निदेशक प्रो राणा सिंह, सीआइएमपी के बिजनेस इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी कुमोद कुमार ने इस बैठक में भाग लेते हुए महाविद्यालयों में उद्यमिता विकास के लिए कार्य किये जाने संबंधित विस्तृत सुझाव दिये. प्रो राणा सिंह ने बैठक में कहा कि उद्यमिता से कोई विद्यार्थी खुद रोजगार देने वाला बन सकता है जो कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता है. बैठक का संचालन इन्क्यूबेशन सेंटर के नोडल ऑफिसर डॉ मनीषा प्रकाश ने किया. इसमें विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा निदेशक शामिल हुए.

बैठक में इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हुई चर्चा:

बैठक में जिन मुख्य बिंदु पर चर्चा हुई उनमें संबद्ध महाविद्यालयों में उद्यमिता विकास का महत्व, विद्यार्थियों के मध्य नवाचार को प्रोत्साहित करना, स्वरोजगार के अवसर सृजित करना तथा पारंपरिक नौकरियों पर निर्भरता कम करना, उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ाना, शैक्षणिक संस्थानों में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना, उद्यमिता को समर्थन देने में विश्वविद्यालय इनक्यूबेशन सेंटर की भूमिका, बिहार सरकार की योजनाओं के संबंध में सहायता प्रदान करना, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और पेटेंट दाखिल करने में सहायता करना, संबद्ध कॉलेजों में उद्यमिता को मजबूत करने की रणनीतियां, प्रत्येक कॉलेज में उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ, स्टार्टअप प्रकोष्ठ स्थापित करना, कानूनी अनुपालन, व्यवसाय पंजीकरण और बौद्धिक संपदा अधिकार समर्थन में सहायता करना, नेटवर्किंग और साझेदारी के माध्यम से एक उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र बनाना.

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