पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर चल रही सियासत से अलग एक नयी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है . बताया जाता है कि वे इस समय अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने में काफी व्यस्त हैं. आयकर विभाग द्वारा 22 बेनामी संपत्ति के ठिकानों पर छापेमारी के बाद चल रही चर्चाओं से इतर लालू, मोदी सरकार के खिलाफ बड़े राजनीतिक एजेंडे पर काम कर रहे हैं. इसकी शुरुआत हो चुकी है. आयकर विभाग की कार्रवाई को लालू ने बदले की कार्रवाई और सत्ता का दुरुपयोग बताकर इसे अपने एजेंडे से निकालकर बाहर कर दिया है. लालू अपना पूरा फोकस आगामी 27 अगस्त को गांधी मैदान में होने वाली रैली पर किये हुए हैं. राजद सुप्रीमो 27 अगस्त वाली रैली को अब लालू बनाम केंद्र व अन्य दलों की लड़ाई बनाने की कोशिश में लग गये हैं. इसके लिए उन्होंने पूरे देश की अलग-थलग पड़ी पार्टियों और नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है.
राष्ट्रपति चुनाव के बाद है रैली
ज्ञात हो कि जुलाई में राष्ट्रपति का चुनाव है. उसके ठीक बाद, 27 अगस्त को लालू की गांधी मैदान में रैली आहूत है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि लालू यह रैली 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी मिशन को पटखनी देने के लिए आयोजित कर रहे हैं. साथ ही, राष्ट्रपति चुनाव के बाद लालू के सामने यह तस्वीर साफ हो जायेगी कि कौन से दल एनडीए के साथ हैं और कौन से दल भविष्य के महागठबंधन के साथ हैं या आ सकते हैं. इस तरह से लालू की रैली को राष्ट्रपति चुनाव के आईने में देखा जा सकता है. इतना ही नहीं, लालू गांधी मैदान में रैली के जरिये अपने राजनीतिक विरोधियों को यह भी दिखाना चाहते हैं कि उनकी राजनीतिक जमीन आज भी कितनी उर्वर है.
नेताओं से साधा संपर्क
इधर, खबर यह है कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा है कि वह पटना में आयोजित लालू के नेतृत्व वाली रैली में शामिल होंगी. दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को लालू के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए, यह स्पष्ट कर दिया कि वह रैली में आयेंगी. लालू ने बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती को फोन किया और उन्हें भी रैली में आने का आमंत्रण दिया. लालू वाम दल के नेताओं से भी लगातार संपर्क साधे हुए हैं. बताया जा रहा है कि लालू ने अभी तक अरविंद केजरीवाल से संपर्क नहीं किया है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो बिहार में खुद जदयू लालू की रैली को खुलकर समर्थन करने से बच रहा है.
विपक्ष हमलावर
लालू की प्रस्तावित रैली को लेकर विपक्ष पूरी तरह अभी से हमलावर दिख रहा है. बिहार बीजेपी नेता सुशील मोदी ने घोषणा के बाद से ही कहना शुरू कर दिया है कि अगस्त तक तो लालू जेल में होंगे. हालांकि, लालू ने सुशील मोदी के इस बयान पर तंज कसते हुए कई ट्वीट किये और कहा कि मुझे ऐसे लोगों पर दया आती है. फिलहाल, बिहार का सियासी पारा गरम है और तरह-तरह की बयानबाजी सामने आ रही है. इन सबके बीच लालू प्रसाद अपनी रैली की सफलता के लिए हर संभव प्रयास में जुटे हुए हैं.
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