पटना : बिहार सरकार ने आज कहा कि मुफ्त वाई फाई की सुविधा विशुद्ध रूप से शिक्षा के उद्देश्य से इस्तेमाल के लिए है और इसलिए सभी पोर्नोग्राफी और अन्य अवांछनीय साइट्स को बैन करने तथा डेटा का प्रयोग सिर्फ शिक्षण संस्थान परिसर तक ही सीमित करने का निर्णय लिया है. बिहार की नीतीश सरकार ने अपनी सुशासन की नीति के सात निश्चय कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाईफाई सेवा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. अपनी निश्चय यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत शुक्रवार को पूर्णिया में एक जनचेतना सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाईफाई सेवा आगामी फरवरी महीने से उपलब्ध करायी जाएगी.
सुविधा विशुद्ध रूप से शिक्षा के उद्देश्य से इस्तेमाल के लिए
बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम लिमिटेड बेल्ट्रान के प्रबंध निदेशक राहुल सिंह ने कहा कि मुफ्त वाई फाई की सुविधा विशुद्ध रूप से शिक्षा के उद्देश्य से इस्तेमाल के लिए है. इसलिए हमने सभी पोर्नोग्राफी और अन्य अवांछनीय साइट्स को बैन करने एवं डेटा का प्रयोग सिर्फ शिक्षण संस्थान परिसर तक ही सीमित करने का निर्णय लिया है. बिहार के आईटी विभाग के अंतर्गत आने वाले बेल्ट्रान के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश के 300 कालेजों और नौ विश्वविद्यालयों को मुफ्त वाईफाई सेवा उपलब्ध करायी जाएगी.
ज्ञानवर्धक बातों के लिये करें प्रयोग-सीएम
सिंह ने आवश्यकता के अनुसार कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को मुफ्त वाई फाई सेवा उपलब्ध कराए जाने की बात करते हुए बताया कि कॉलेजों में इंटरनेट की स्पीड 10 एमबीपीएस जबकि आईआईटी सहित अन्य बड़े संस्थानों में यह 20 एमबीपीएस होगी. नीतीश ने गत शुक्रवार को युवाओं से कहा कि वे मुफ्त वाई फाई सेवा का उपयोग किताबों और ज्ञानवर्द्धक बातों को डाउनलोड करने के लिए न कि फिल्म देखने के लिए. उन्होंने वाई फाई के गलत इस्तेमाल का एक उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें पता चला है कि एक महानुभाव ने मुख्य नगर के 22 किलोमीटर के दायरे में जहां वाई फाई सुविधा उपलब्ध है, 300 फिल्में डाउनलोड की है.