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बिहार में सत्तारूढ़ विधायकों की ‘बहार” में लालू ‘सुपर सीएम” : सुशील मोदी

नयी दिल्ली : बिहार की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चुटकी लेते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ‘बिहार में बहार हो’ के नारे के साथ सत्ता में आने वाली नीतीश कुमार नीत सरकार में राज्य के लोगों के लिए बहार तो नहीं आई, मगर लालू प्रसाद की जरुर आ […]

नयी दिल्ली : बिहार की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चुटकी लेते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ‘बिहार में बहार हो’ के नारे के साथ सत्ता में आने वाली नीतीश कुमार नीत सरकार में राज्य के लोगों के लिए बहार तो नहीं आई, मगर लालू प्रसाद की जरुर आ गई है जो ‘सुपर सीएम’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार लालू प्रसाद पर चल रहे एक-एक कर मुकदमे वापस लेती जा रही है वहीं जदयू-राजद विधायकों को कानून हाथ में लेकर मनमानी करने की खुली छूट मिल गयी है. नीतीश के अगर वश में होता तो अब तक चारा घोटाले के तमाम मुकदमों से भी लालू प्रसाद को बरी कर चुके होते.

स्मार्ट सिटी योजना की पहली सूची में बिहार का एक भी शहर के नहीं आ पाने का जिक्र करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने ‘भाषा’ से कहा कि सुशासन एवं विकास के अनन्य प्रतीक बताये गए नीतीश कुमार 10 वर्षों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे लेकिन राज्य का एक भी शहर स्मार्ट सिटी की पात्रता परीक्षा में पास नहीं हो पाया. बिहार के नामित तीन शहरों को इस बारे में प्रस्ताव भेजना था लेकिन इनमें से एक बुनियादी ढांचे के संबंध में प्रस्ताव भेजने में विफल रहा तो नीतीश कुमार के गृह जिले का मुख्यालय प्रस्ताव ही नहीं भेज पाया. उन्होंने कहा कि अपनी नाकामियों के लिए अपने गिरेबां में झांकने की बजाए सत्तारूढ़ दल के नेता केंद्र पर राजनीतिक भेदभाव का आरोप लगाने में व्यस्त हैं. राज्य में कानून व्यवस्था एवं सही माहौल नहीं होने का आरोप लगाते हुए सुशील मोदी ने कहा कि क्या इस तरह से बिहार में बहार लायी जा रही है जहां सामान्य लोग अपने को सुरक्षित तक महसूस नहीं कर रहे हैं.

राजद अध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला वापस लेने का जिक्र करते हुए भाजपा नेता ने सवाल किया कि नीतीश कुमार बताएं कि क्या आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे को वापस लेने के पहले उन्होंने चुनाव आयोग से अनुमति ली थी? भाजपा नेता ने इस संदर्भ में हाल ही में लालू प्रसाद सहित 263 लोगों के खिलाफ बिहार बंद के दौरान दर्ज मुकदमे को वापस लेने का भी जिक्र किया. सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं हैं लेकिन उनका आचरण सुपर सीएम की तरह है. कभी वे इंदिरा गांधी चिकित्सा विज्ञान संस्थान का औचक निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं तो कभी किसी अन्य सरकारी काम में दखल देते हैं. लेकिन नीतीश कुमार इसे अनुचित नहीं मानते और ऐसा करके उन्होंने यह जता दिया है कि वह अपनी कुर्सी बचाये रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. ‘ उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ज्यादा से ज्यादा प्रचार पर जोर दे रहे हैं और इस संदर्भ में उन्होंने गंगा नदी पर कच्ची दरगाह-बिदुपुर के बीच प्रस्तावित छह लेन पुल का विधान सभा चुनाव के ठीक पहले अगस्त में शिलान्यास करने के छह महीने के भीतर एक बार फिर कार्यक्रम आयोजित करने का जिक्र किया. उन्होंने व्यंग्य किया कि क्या सरकार पुल के हर एक पाये का अलग-अलग शिलान्यास करेगी ? सरकार को बताना चाहिए कि क्या निर्माण लागत की राशि की व्यवस्था और जमीन का अधिग्रहण हो चुका है? सुशील कुमार मोदी ने कहा कि क्या राज्य सरकार ने कर्मचारी वर्गों के लिए चुनाव के दौरान वादा किये गये नये वेतनमान एवं भत्ते की व्यवस्था की है.

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