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मोदी के खिलाफ एकजुट हों सभी दल: वशिष्ठ

नयी दिल्ली / पटना : बिहार में अपने गंठबंधन की जबर्दस्त कामयाबी से उत्साहित जनता दल यू ने नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के एकजुट होने की आज वकालत की और कहा कि राज्य के चुनाव ने देश में गैर भाजपा राजनीति के युग का आगाज किया है पार्टी ने नीतीश कुमार को […]

नयी दिल्ली / पटना : बिहार में अपने गंठबंधन की जबर्दस्त कामयाबी से उत्साहित जनता दल यू ने नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के एकजुट होने की आज वकालत की और कहा कि राज्य के चुनाव ने देश में गैर भाजपा राजनीति के युग का आगाज किया है पार्टी ने नीतीश कुमार को मोदी के राष्ट्रीय विकल्प के रुप में पेश करने का प्रयास किया और कहा कि बिहार में चुनाव के दौरान व्यक्तित्व की तुलना में भी वह प्रधानमंत्री से बेहतर साबित हुए हैं और उनमें मोदी के खिलाफ एक राष्ट्रीय मोर्चे का नेतृत्व करने की क्षमता है.

नीतीश कुमार ने लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत का नेतृत्व किया. बिहार प्रदेश जदयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने हालांकि साथ ही कहा कि यह सभी संबंधित दलों पर निर्भर करता है कि वह इस तरह के किसी मोर्चे के नेतृत्व के बारे में फैसला करें जबकि इस बात पर जोर दिया कि नीतीश कुमार में ऐसा करने की छवि और क्षमता है. सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार को एक उदाहरण बनाकर सभी दलों को संसद में केंद्र सरकार को किनारे करने के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत होना चाहिए. अगर भाजपा का एजेंडा सांप्रदायिक है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं है.

बिहार से बाहर अच्छा संकेत गया है. सभी क्षेत्रीय दल खुश हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘अतीत में अपनायी जाने वाली गैर कांग्रेस राजनीति की तरह बिहार से गैर भाजपा राजनीति की शुरुआत हुई है. बिहार में दो चेहरे दिख रहे थे. एक मोदी का चेहरा था और दूसरा नीतीश कुमार का. बिहार ने व्यक्तित्व, विचारधारा और कामकाज के इस संघर्ष में नीतीश कुमार पर अपनी मुहर लगायी.

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सत्तारुढ पक्ष के लिए कठिनाई का संकेत देते हुए राज्यसभा सदस्य जीएसटी विधेयक को अपनी पार्टी की ओर से समर्थन देने के मुद्दे को टाल गये और कहा कि विभिन्न दलों के साथ विचार विमर्श के बाद उनकी पार्टी इस बारे में निर्णय करेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या वह सोचते हैं कि नीतीश कुमार को गैर भाजपा गठबंधन का नेतृत्व करना चाहिए, सिंह ने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि नीतीश कुमार की छवि है, क्षमता है और कर्मठता है ऐसा करने की. यह उन्हें तय नहीं करना है और सभी संबंधित दलों को निर्णय करना होगा. लेकिन मैं इस बात पर जोर दूंगा कि उनमें कोई भी जिम्मेदारी संभालने की क्षमता है.” हाल में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन ने जबर्दस्त सफलता हासिल करते हुए भाजपा को करारी शिकस्त दी और 243 सीटों में से 178 पर कब्जा किया. गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार 20 नवम्बर को एक बार फिर राज्य की बागडोर संभालने वाले हैं.

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