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जदयू : सीटिंग पर महागंठबंधन की परीक्षा

जदयू ने पिछले विधानसभा चुनाव में 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार उसने जीती हुई 39 सीटें तालमेल में राजद-कांग्रेस के लिए छोड़ दी है. जदयू की जीती हुई 27 सीटों पर इस बार राजद के उम्मीदवार होंगे तो कांग्रेस के 12 स्थानों पर. जहां तक पिछले चुनाव की बात है, तो […]

जदयू ने पिछले विधानसभा चुनाव में 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार उसने जीती हुई 39 सीटें तालमेल में राजद-कांग्रेस के लिए छोड़ दी है. जदयू की जीती हुई 27 सीटों पर इस बार राजद के उम्मीदवार होंगे तो कांग्रेस के 12 स्थानों पर. जहां तक पिछले चुनाव की बात है, तो इन सीटों पर जदयू के साथ राजद का जोरदार मुकाबला हुआ था.राजद के 72 उम्मीदवार दूसरे नंबर पर थे जबकि कांग्रेस के 27 उम्मीदवार. भाकपा, माकपा, बसपा और एनसीपी के एक-एक उम्मीदवार दूसरे नंबर पर थे. यह तब के तथ्य हैं, जब राजनीतिक तसवीर अलग थी.
जदयू-भाजपा एक साथ थे तो राजद और लोजपा साथ में दूसरी तरफ थे. अब यह तसवीर पलट चुकी है. सवाल यह भी है कि वोटों के हिसाब और उसकी केमेस्ट्री इस चुनाव में क्या गुल खिलायेगी? पढ़िए, इसी पर आधारित रिपोर्ट.बीते विधानसभा चुनाव में जदयू की जीती हुई 115 सीटों में से 72 पर राजद दूसरे नंबर पर था तो लोजपा उम्मीदवार 27 स्थानों पर थे. कांग्रेस आठ, भाकपा, माकपा, बसपा और एनसीपी के एक-एक उम्मीदवार दूसरे नंबर पर थे. चार ऐसी सीटे थीं, जहां निर्दलीय दूसरे स्थान पर थे.
पिछले चुनाव की तसवीर अलहदा थी. एनडीए के खिलाफ राजद व लोजपा एक साथ थे, तो कांग्रेस अलग थी. अब स्थिति करवट ले चुकी है. राजद और कांग्रेस का जदयू के साथ गंठबंधन है तो लोजपा एनडीए का हिस्सा बन चुकी है. इस लिहाज से वोटों का हिसाब चुनाव परिदृश्य को रोचक बना देने वाला है.
भाजपा की जीती हुई 91 सीटों में राजद 42 स्थानों पर दूसरे नंबर पर था. पर जदयू के साथ मुकबाले में दूसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों की संख्या 72 थी. इसका मतलब है कि उसकी मुख्य लड़ाई जदयू के साथ ही हो गयी थी. दोनों पार्टियों का आधार वोट लगभग एक जैसा रहा है. हालांकि जदयू के साथ भाजपा के होने से जीत के अंतर पर फर्क पड़ा था.
20 हजार से ज्यादा वोट लाकर जीते थे 34 उम्मीदवार : जदयू के 34 ऐसे उम्मीदवार थे, जिनके जीत का अंतर 20 हजार से भी ज्यादा था. दस हजार से अधिक और बीस हजार से कम वोटों के अंतर से जीतने वाले उम्मीदवारों की तादाद 44 थी.जबकि पांच हजार से अधिक और दस हजार से कम वोटों के अंतर से जीतने वाले उम्मीदवारों की संख्या थी 17. पांच हजार से कम वोटों के अंतर से जदयू के 15 उम्मीदवारों ने बाजी मारी थी.
सात सीटों पर जीत का अंतर दो हजार से भी कम : कुछ ऐसी भी सीट थी जहां जीत का अंतर बेहद कम था. बहादुरपुर सीट पर जदयू के मदन सहनी ने राजद के हरिनारायण सहनी को 643 वोटों से हराया था. कुढ़नी सीट पर जदयू के मनोज कुमार सिंह ने लोजपा के बिजेंद्र चौधरी को 1570 वोटों से शिकस्त दी थी. सुरसंड में शहिद अली खान ने राजद के जयनंदन यादव को 1186 वोटों से पराजित किया था. चेरिया बरियारपुर में मंजू वर्मा 1061 वोटों से और गोह में रणविजय कुमार 694 वोटों के अंतर से जीते.
बिहार का विकास महागंठबंधन का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा होगा. भाजपा विकास की बात तो करती है, पर समाज को जाति व संप्रदाय के नाम पर विभाजित करने की कोशिश भी करती है. तीनों दलों ने सभी वर्गो को समुचित प्रतिनिधित्व दिया है. सबसे ज्यादा 54 फीसदी टिकट पिछड़ी जातियों को दिया गया है.
– नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री व जद यू के वरिष्ठ नेता
जदयू की जीती 39 सीटें राजद-कांग्रेस के खाते में
जदयू की जीती हुई 39 सीटें राजद और कांग्रेस के खाते में दी गयी हैं. जिन 39 सीटों को उसने राजद और कांग्रेस के लिए छोड़ी है, वहां एनडीए के घटक दलों के साथ आरपार की लड़ाई हो सकती है. इनमें 27 राजद के खाते में और 12 कांग्रेस के खाते में गयी है. इन सीटों का ब्योरा इस तरह है-
राजद: नरकटिया, सुरसंड, रुन्नी सैदपुर, झंझारपुर, पिपरा, छातापुर, बहादुरपुर, सकरा, मीनापुर, कांटी, साहेबगंज, परसा, महुआ, राजापाकर, राघोपुर, अलौली, मुंगेर, हिलसा, मसौढ़ी, काराकाट, जहानाबाद, मखदुमपुर, बाराचट्टी, अतरी, जमुई, चकाई और नवादा.
कांग्रेस: चेनारी, कुटुम्बा, गोविंदपुर, सिकंदरा, मांझी, बाल्मिकीनगर, गोविंदगंज, हरलाखी, अररिया, मनिहारी, बरबीघा और तरारी.
तीसरे कोण की तिरछी नजर
– हरलाखी विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में जदयू के शालिग्राम यादव ने भाकपा के राम नरेश पांडेय को 6659 वोटों के अंतर से हराया था. हरलाखी भाकपा की पुरानी सीट रही है. इस बार यह कांग्रेस के खाते में गयी है. एनडीए के साथ यहां भाकपा और कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव को तिकोना बनायेंगे.
– कटिहार की मनिहारी सीट (अजजा) पर जदयू के मनोहर किस्कू ने एनसीपी की गीता किस्कू को 4165 वोटों से हराया था. किस्कू दूसरे नंबर पर थीं. महागंठबंधन में यह सीट भी कांग्रेस के खाते में गयी है.
– विभूतिपुर में जदयू के रामबालक सिंह ने माकपा के रामदेव वर्मा को हराया था. यह सीट तो जदयू के खाते में ही रह गयी है. पर यहां माकपा के रामदेव वर्मा भी चुनाव लड़ेंगे. इस सीट से वह विधायक रह चुके हैं. एनडीए में यह सीट लोजपा के खाते में गयी और लवली सिंह उसकी उम्मीदवार होंगी.
– शिवहर की सीट पर जदयू के शरफुद्दीन ने बसपा की प्रतिमा देवी को महज 1631 वोटों के अंतर से पराजित किया था. बसपा भी यहां से उम्मीदवार देगी. एनडीए में यह सीट हम के खाते में गयी है. लवली आनंद इस सीट से उम्मीदवार हैं.
– झंझापुर सीट पिछले चुनाव में जदयू के टिकट पर नीतीश मिश्र ने जीती थी. इस बार वह भाजपा के उम्मीदवार हैं.
पांच पर जीत का अंतर ज्यादा
11 सीटों पर जीत का अंतर 30 से 60 हजार के बीच का था. पांच सीटों पर तो जद यू की जीत का अंतर 40 हजार वोटों से ज्यादा का था. जदयू की पूनम देवी ने दीघा सीट पर लोजपा के सत्यानंद शर्मा को 60462 वोटों के भारी अंतर से हराया था. बिहारीगंज से जदयू की रेणु कुमारी ने राजद के प्रभाष कुमार को 49997 वोटों से हराया,तो बगहा में राजद के राम प्रसाद यादव 49055 वोटों से चुनाव हार गये थे. वहां से जदयू के प्रभात रंजन सिंह ने जीत हासिल की थी.
निर्मली सीट से अनिरूद्ध यादव ने कांग्रेस के विजय गुप्ता को 46010 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. इसी तरह धमदाहा सीट पर जदयू की लेसी सिंह ने कांग्रेस के इरशाद अहमद खां को 44697 वोटों से शिक स्त दी थी. आलमनगर में भी कांग्रेस की लवली आनंद 42345 वोटों से हार गयी थीं.
भाजपा पर हमला की रणनीति
जदयू ने भाजपा के हमलों का जवाब देने के लिए खास रणनीति बनायी है. तीन स्तरों पर जवाबी हमला करना होगा.
– राजनीतिक हमला का जवाब दिल्ली के नेता देंगे
मीडिया को लगातार अपनी बात बताएं कि भाजपा जाति का कार्ड खेल रही है. विकास के मुद्दे पर बहस से भाग रही है.
– वरिष्ठ नेताओं की टीम
तथ्यों के साथ हर रोज प्रेस कांफ्रेंस कर और सभाओं के जरिेये भाजपा पर प्रहार. राजद के साथ तालमेल कर कम माजिर्न वाली सीटों पर पूरी ताकत.
– नीतीश की विकास पुरुष की छवि को सामने लाना
नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री रहते किये गये विकास कार्यो के प्रचार-प्रसार पर पार्टी का जोर है. इसके लिए आइटी विशेषज्ञों की मदद भी पार्टी ले रही है. सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल हो रहा.
पांच हजार से कम अंतर से जीत
क्षेत्र दूसरा स्थान दल वोट अंतर
शिवहर प्रतिमा देवी बसपा 1631
सुरसंड जयनंदन यादव राजद 1186
बाजपट्टी अनवारूल हक राजद 3420
मनिहारी गीता किस्कू एनसीपी 4165
बहादुरपुर हरिनारायण सहनी राजद 643
कुढ़नी बिजेंद्र चौधरी लोजपा 1570
बरूराज रामविचार राय राजद 4916
परसा चंद्रिका राय राजद 4689
हसनपुर सुनील कुमार पुष्पम राजद 3291
चेरिया बरियारपुर अनिल चौधरी लोजपा 1061
सुल्तानगंज रामऔतार मंडल राजद 4845
नाथनगर अबु कैसर राजद 4727
बरबीघा अशोक चौधरी कांग्रेस 3047
मोहनिया निरंजन राम राजद 2525
चेनारी ललन पासवान राजद 2901
गोह रामअयोध्या यादव राजद 694
इमामगंज रौशन कुमार राजद 1211
पांच से दस हजार के बीच
क्षेत्र दूसरा स्थान दल वोट अंतर
नरकटिया साबिर अली लोजपा 7688
गोविंदगंज राजू तिवारी लोजपा 8405
हरलाखी राम नरेश पांडेय भाकपा 6659
मीनापुर मुन्ना यादव राजद 5402
कांटी मो इसरायल राजद 8415
मांझी हेम नारायण सिंह राजद 7904
मोरवा अशोक सिंह राजद 6850
धुरैया नरेश दास राजद 8342
बेलहर रामदेव यादव राजद 7616
शेखपुरा सुनीला देवी कांग्रेस 7342
मोकामा सोनम देवी लोजपा 8954
मसौढ़ी अनिल कुमार लोजपा 5032
कुर्था शिववचन यादव राजद 9493
जहानाबाद सचिंद्र नंद यादव राजद 8567
मखदुमपुर धर्मराज पासवान राजद 5085
शेरघाटी सुषमा देवी निर्दलीय 6503
नवादा राजबल्लभ प्रसाद राजद 6337
वारिसलीगंज अरुणा देवी कांग्रेस 5428

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