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सूबे में कृषि अनुसंधान केंद्र के लिए राज्य सरकार नहीं दे रही है जमीन : राधामोहन

पटना : केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि देश के सभी 642 कृषि विज्ञान केंद्रों को नये सिरे से जीर्णोद्धार किया जायेगा. फिलहाल इन केवीके में कृषि शोध के लिए कुछ भी नहीं है. केंद्र के ट्रैक्टर सड़ गये हैं. शोध के लिए कुछ भी यहां नहीं है. न छात्रों के लिए […]

पटना : केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि देश के सभी 642 कृषि विज्ञान केंद्रों को नये सिरे से जीर्णोद्धार किया जायेगा. फिलहाल इन केवीके में कृषि शोध के लिए कुछ भी नहीं है. केंद्र के ट्रैक्टर सड़ गये हैं. शोध के लिए कुछ भी यहां नहीं है. न छात्रों के लिए रहने का होस्टल है औ न ही कर्मचारियों के लिए आवास की ही व्यवस्था है. इसके लिए केंद्र सरकार ने 39 सौ करोड़ रुपये आवंटित भी कर दी है. वे केंद्रीय आलू शोध संस्थान परिसर में स्थित कृषि तकनीकी अनुप्रयोग संस्थान के प्रशासनिक भवन के शिलान्यास और कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
स्थानीय विद्यापति भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सिंह ने कहा कि नये सिरे से इन केंद्रों को कृषि के विकास के लिए उपयोगी बनाया जायेगा. केंद्र को ट्रैक्टर, जीप और दो मोटर साइकिल उपलब्ध कराया जायेगा. इन केंद्रों पर छह के स्थान पर अब दस कृषि वैज्ञानिक की नियुक्ति होगी. उन्होंने कहा कि देश के अन्य जिलों में 50 नये कृषि विज्ञान केंद्र खोला जायेगा. कृषि विज्ञान केंद्रों की मोनिटरिंग के लिए देश में आठ कृषि तकनीकी अनुप्रयोग संस्थान स्थापित होगा. तीन संस्थान पूर्वोत्तर राज्यों में होगा. पटना स्थित केंद्र से बिहार और झारखंड के 64 कृषि विज्ञान केंद्रों की मॉनीटरिंग होगी.
बिहार में केंद्रीय कृषि संथान की स्थापना के लिए जमीन की समस्या बताते हुए उन्होंने कहा कि मजबूरी में आलु अनुसंधान केंद्र के परिसर में इसकी स्थापना की गयी है सिंह ने कहा कि बिहार में भारतीय बीज निगम, सब्जी-फल अनुसंधान केंद्र और डेयरी डेवलपमेंट केंद्र की स्थापना के लिए राज्य सरकार से जमीन मांगी गयी, लेकिन सरकार इस पर चुप्पी साधे हुई है. बिहार में कृषि की विकास के लिए केंद्र सरकार किसानों को प्रशिक्षण देगी. किसानों का सम्मेलन किया जायेगा.दलहन और तिलहन को बढ़ावा देने के लिए शोध होगा, ताकि इसके आयात में कमी लाया जा सके.
सिंह ने कहा कि कृषि के प्रति राज्य सरकार की प्रतिवद्धता कम है. राज्य में कृषि पाठशाला का आयोजन नहीं हो रहा है. मिट्टी जांच कार्ड मामले में भी राज्य में कुछ नहीं हो रहा है. अन्य राज्यों के सरकार की प्रतिबद्धता के कारण ही कई राज्य कृषि उत्पादका में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषि में विकास के लिए तीन हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. मत्स्य के क्षेत्र में विकास के लिए दो सौ करोड़ रुपये खर्च करने की योजना तैयार की है. कार्यक्रम में आइसीएआर के कृषि प्रसार के उपमहानिदेश कडा अशोक कुमार सिंह, निदेशक डा बीपी भट्ट, अनुप्रयोग संस्थान के निदेशक डा अजय कुमार सिंह और केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष डाॅ मनोज कुमार मौजूद थे.

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