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BJP का पलटवार, कहा नीतीश का मतलब बिहार नहीं

पटना : पीएम से डीएनए वाले बयान को वापस लेने की सीएम नीतीश कुमार की मांग पर पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मतलब बिहार नहीं है. यह कांग्रेस की संगत का असर है कि नीतीश कुमार खुद को बिहार का […]

पटना : पीएम से डीएनए वाले बयान को वापस लेने की सीएम नीतीश कुमार की मांग पर पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मतलब बिहार नहीं है. यह कांग्रेस की संगत का असर है कि नीतीश कुमार खुद को बिहार का पर्याय बता कर 11 करोड़ बिहारियों का अपमान कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि आपातकाल में इंदिरा गांधी भी स्वयं को भारत समझने लगी थीं. इसका अंजाम उन्हें भुगतना पड़ा था. नीतीश कुमार को भी जल्द ही जनता सबक सिखायेगी. मोदी ने कहा कि अतिथि सत्कार बिहार के डीएनए में है.
यहां के लोग तो खुद आधा पेट खाकर भी अतिथि को भरपेट भोजन कराते हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने भाजपा नेताओं को दावत देने के बाद सामने से थाली खींच कर साबित कर दिया था कि उनका डीएनए अलग है. यहां के लोगों का डीएनए तो विश्वास, सद्भाव और अतिथि सत्कार का है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक डीएनए धोखा, तिरस्कार और अहंकार से बना है.
उन्होंने लोहिया के गैरकांग्रेसवाद से लेकर भाजपा और महादलित नेता जीतनराम मांझी तक को धोखा दिया. नीतीश सरकार में वित्त मंत्री रहे सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने 1994 में लालू प्रसाद को धोखा दिया. मदद लौटा कर कौन-सी पहचान दिलायी.
भाजपा ने 17 साल में उन्हें दो बार केंद्रीय मंत्री और तीन बार मुख्यमंत्री बनाया. इसके बावजूद उन्होंने नरेंद्र भाई मोदी के बहाने गंठबंधन तोड़ कर भाजपा को धोखा दिया. लालू प्रसाद और कांग्रेस के जंगलराज के खिलाफ जनादेश मिला था. नीतीश कुमार जनता को धोखा देकर उसी लालू प्रसाद के पैर पर गिर गये, जिनके खिलाफ वोट मांग कर सत्ता में आये थे.
विश्वासघात का यह डीएनए नीतीश कुमार का है, बिहार की जनता का नहीं. उन्होंने कहा कि 2014 में नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी को धोखा देकर उनसे मुख्यमंत्री की कुरसी छीन ली और महादलित नेता का अपमान किया.जॉर्ज फर्नाडीस के आशीर्वाद से नीतीश कुमार ने राजनीतिक ऊंचाई पायी. पर उनको भी धोखा दिया. लालू प्रसाद के साथ वह कब तक रहेंगे, इसका उन्हें स्वयं भी पता नहीं है. धोखा, तिरस्कार और अहंकार की राजनीति के कालिया नाग का अंत अब केवल तीन माह दूर है.
सीएम के पत्र पर पलटवार
नीतीश खुद को बिहार का पर्याय बता कर बिहारियों का कर रहे अपमान
आपातकाल में इंदिरा भी स्वयं को भारत समझने लगी थीं, भुगतना पड़ा था अंजाम
नीतीश ने लोहिया के गैरकांग्रेसवाद से भाजपा व महादलित तक को धोखा दिया

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