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बिहार चुनाव से पहले विधानमंडल का अंतिम सत्र आज से, सरकार को घेरेगा विपक्ष

पटना: बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. यह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अंतिम सत्र होगा. 15वें विधानसभा के 17वें सत्र में सरकार जहां कई विधेयक लायेगी और उसे सदन से मंजूर कराने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगा. सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के […]

पटना: बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. यह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अंतिम सत्र होगा. 15वें विधानसभा के 17वें सत्र में सरकार जहां कई विधेयक लायेगी और उसे सदन से मंजूर कराने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगा. सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के पास विधानसभा चुनाव से पहले सदन में एक दूसरे को घेरने का यह अंतिम मौका होगा. बिहार विधान परिषद् को 24 नये सदस्य भी मिले हैं, जिनका सोमवार को ही शपथ ग्रहण होगा. इससे विधान परिषद् में विपक्ष की ताकत थोड़ी बढ़ेगी. मॉनसून सत्र जदयू के बागियों के लिए अहम होगा.

सुप्रीम कोर्ट और पटना हाइकोर्ट के आदेश के बाद जदयू के आठ बागियों को सत्र में भाग लेने की अनुमति मिली है. जदयू के बागी आठों विधायकों के सिटिंग एरेंजमेंट को लेकर भी सबकी नजरे विधानसभा अध्यक्ष पर टिकी रहेंगी. सदन इस सत्र में पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई समेत कई पूर्व मंत्री व विधायकों के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जायेगी. मॉनसून सत्र में सरकार अपने द्वारा किये गये कार्यो और उपलब्धियों को सदन के फ्लोर पर रखेगी. सरकार की कोशिश होगी कि वह अपने कार्यकाल के शेष सभी विधायी कार्यो का निष्पादन करा ले. सरकार नियोजित शिक्षकों को दिये वेतनमान को भुनाने की पूरी कोशिश करेगी. राज्य कैबिनेट के द्वारा लिये गये निर्णयों को भी विधानमंडल से मंजूरी दिलायेगी.

साथ ही भागलपुर दंगे की रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जायेगी और राज्यपाल से अनुमति प्राप्त विधेयकों को भी सदन पर रखा जायेगा. राज्य सरकार विधानसभा चुनाव को लेकर कई घोषणाएं भी सदन के पलट से कर सकते हैं, जिसे वे चुनाव के समय कैश करा सकें. सदन में 2015-16 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद विवाद और मतदान होगा. इससे संबंधित विनियोग विधेयक भी चर्चा की जायेगी. उधर, विपक्ष के लिए भी यह अंतिम मौका होगा जिससे वह सत्र के दौरान सरकार को कठघरे में खड़ा करे. विपक्ष सरकार को हर मोरचे पर विफल साबित करने की कोशिश करेगा. विपक्ष राज्य की गिरती विधि व्यवस्था, भागलपुर दंगा रिपोर्ट, खगड़िया दुष्कर्म की घटना, विभिन्न जिलों में आपराधिक घटनाओं पर सरकार को घेरेगी. साथ ही विपक्ष अस्पतालों में मरीजों के लिए दवाओं की अन उपलब्धता और चुनाव के पहले सरकार द्वारा थोक भाव में आला अधिकारियों के स्थानांतरण को भी मुद्दा उठायेगी. विपक्ष नियोजित शिक्षकों के वेतनमान में भी नये ट्रेंड शिक्षकों के साथ किये गये भेदभाव को भी मुद्दा बनाने की तैयारी कर रहा है.

मॉनसून सत्र में सरकार को कई मुद्दों पर घेरा जायेगा. पीएमसीएच सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं का अब अभाव है. पिछले सत्र में भी इस मुद्दे को हमलोगों ने प्रमुखता से उठाया था, लेकिन इसके बाद भी सरकार व्यवस्था दुरूस्त नहीं कर सकी है. इसके अलावा गिरती कानून व्यवस्था समेत अधिकारियों के हुए तबादलों पर सरकार को घेरा जायेगा. पांच दिनों का छोटा सत्र रखा गया है. सत्र बढ़ाने की भी मांग की जायेगी. (विनोद नारायण झा, विधायक सह पार्टी प्रवक्ता, भाजपा)

मॉनसून सत्र विधानसभा चुनाव से पहले अंतिम सत्र होगा. सत्र छोटा नहीं है. पांच दिनों का सत्र है. अगर यह पांचों दिन सिलसिलेवार ढंग से चले तो सत्र बढ़ाने की जरुरत ही नहीं है. यह पर्याप्त है. इसमें कई विधेयक पास होंगे, वाद विवाद होगा और क्षेत्र व राज्य हित के सवालों के जवाब आयेंगे. (अब्दुल बारी सिद्दीकी, राजद विधायक दल के नेता)

बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र अहम सत्र है. इसमें सरकार कई विधेयकों को सदन के पटल पर रखेगी. सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब कैसे देना है इस पर सोमवार को जदयू विधानमंडल दल की बैठक में रणनीति तैयार की जायेगी. विपक्ष पूरी तरह से सहयोग करे तो जनहित की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार तैयार है. (श्रवण कुमार, संसदीय कार्य मंत्री)

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