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जनता परिवार के विलय को झटका : रामगोपाल के बयान के बाद बदला समीकरण

पटना : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बयान के बाद छह समाजवादी विचारधारा वाले दलों के विलय की प्रक्रिया फिलहाल टलती नजर आ रही है. अब बिहार में जदयू-राजद सीटें बांट कर चुनाव लड़ सकते हैं. रामगोपाल यादव ने दिल्ली में कहा कि तकनीकी रूप से विलय की प्रक्रिया लंबी खींच सकती […]

पटना : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बयान के बाद छह समाजवादी विचारधारा वाले दलों के विलय की प्रक्रिया फिलहाल टलती नजर आ रही है. अब बिहार में जदयू-राजद सीटें बांट कर चुनाव लड़ सकते हैं. रामगोपाल यादव ने दिल्ली में कहा कि तकनीकी रूप से विलय की प्रक्रिया लंबी खींच सकती है, जबकि जल्द ही बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में बिहार में गंठबंधन कर चुनाव लड़ना बेहतर विकल्प है. सपा नेता के बयान के बाद प्रदेश जदयू नेताओं ने जहां चुप्पी साध ली , वहीं, राजद का कहना है कि सैद्धांतिक सहमति बन गयी है. मजर्र हो या ना हो चुनाव साथ में लड़ेंगे.

उधर, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि विलय के बाद मुलायम सिंह यादव को जनता परिवार का अध्यक्ष बनाया गया है और उस संबंध में कुछ भी कहने की जिम्मेदारी उनकी है. वहीं, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग जायेगी और विलय की तकनीकी पहलुओं पर जानकारी लेगी. पुराने जनता परिवार के जदयू, राजद, सपा समेत छह राजनीतिक दलों के विलय की घोषणा 15 अप्रैल को दिल्ली में की गयी थी. उसमें मुलायम सिंह यादव को सर्वसम्मति से जनता परिवार का अध्यक्ष चुना गया था. साथ ही पार्टी का नाम, झंडा तय करने के लिए सेवन मैन कमेटी का गठन भी किया गया था. विलय के बाद जनता परिवार की अगली बैठक 25 अप्रैल को तय की गयी थी.

बिहार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद बैठक में शामिल होने गये भी थे, लेकिन नेपाल-बिहार में आये भूकंप के बाद नीतीश बिहार लौट आये और बैठक को स्थगित कर दिया गया. इसके बाद छह मई को मुलायम सिंह के आवास पर फिर से बैठक आयोजित की गयी. इसमें विलय के बाद की प्रक्रिया की चर्चा की गयी. साथ ही गंठबंधन व सीट शेयरिंग पर भी विकल्प तलाशने की कोशिश हुई, लेकिन अंतिम रूप से कोई बात सामने नहीं आयी. दिल्ली पटना लौटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि मजर्र का काम रास्ते पर ठीक चल रहा है. इसमें जो भी डिटेल चीजें है उस पर काम हो रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम आयेंगे.

किसी भी नयी पार्टी के गठन या दलों के विलय में सबसे बड़ी बात सैद्धांतिक सहमति की होती है. जनता परिवार के विलय को लेकर सहमति हो गयी है. कुछ तकनीकी अड़चनें जरूर हैं.
मनोज झा, राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता

हमने छह राजनीतिक दलों का मजर्र किया है और जनता परिवार बनाया है. इसके अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव बनाये गये हैं. विलय पर कुछ बोलने का काम उनका है. नयी पार्टी के नाम व झंडा तय करने के लिए जो कमेटी बनी हुई है वह भी मुलायम सिंह के अंडर में है. इस मामले पर कुछ भी कहने की जो जिम्मेदारी है वह उनकी है.

शरद यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू

जदयू और राजद गंठबंधन कर लड़ें चुनाव : रामगोपाल

बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसी स्थिति में विलय होने से राजनीतिक दलों को नुकसान हो सकता है. अगर राजद या जदयू में कोई विलय का विरोध करता है तो पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न् उसके पास रह सकता है. इससे राजद व जदयू को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए बेहतर होगा कि बिहार विस चुनाव में जदयू और राजद गंठबंधन व सीट शेयरिंग कर कर चुनाव लड़े. विलय की प्रक्रिया विस चुनाव के बाद हो जायेगी. कहा कि नयी पार्टी के लिए चुनाव आयोग में कई तकनीकी अड़चनें भी हैं. इससे विलय होने में समय लग सकता है. नयी पार्टी बन गयी व नया नाम व नया चुनाव चिह्न् मिल गया और जो राजद (लालटेन) व जदयू (तीर) किसी दूसरे को पार्टी व सिंबल के साथ मिल गया तो मतदाताओं में भ्रम होगा. इससे पांच से दस फीसदी वोट पर भी असर पड़ेगा. इसलिए राजद व जदयू के लिए बेहतर विकल्प है कि बिहार विधानसभा चुनाव में वे गंठबंधन कर चुनाव लड़ें. राम गोपाल यादव ने कहा कि तकनीकी रूप से मजर्र होने के बाद किसी भी पार्टी का नाम निशान खत्म हो जायेगा. पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता या नेता अपने डेथ वारंट पर साइन नहीं कर सकता है.

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