पटना : देश को हिला देने वाले निर्भया केस के आरोपित भले ही अभी तक फांसी नहीं चढ़ पाये हों, अररिया पुलिस ने ऐसे मामलों में कम समय में अधिक सजा दिलाकर पूरे राज्य में नजीर पेश की है. व्यक्तिगत रुचि लेकर ढाई साल में 8 दुराचारियों को सात से 15 साल की सजा दिलवाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने एसपी धुरत सायली सावालाराम को शाबाशी दी है.
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने शनिवार को मीडिया को जानकारी दी कि दुराचार के आरोपितों को सजा दिलाने में एसपी अररिया ने बेहतर काम किया है. कोर्ट में पैरवी-घटना का अनुसंधान-तथ्य आदि का सुपरविजन करने से कोर्ट दो साल सात महीने में 8 मामलों में आरोपितों को सजा सुना चुकी है. छह कांड में दस-दस साल, 50 हजार रुपये तक जुर्माना, दो मामलों में कोर्ट अलग-अलग धाराओं में 10 और 15 साल की अलग-अलग सजा सुना चुकी है.
एसपी ने बताया कि लूट-डकैती व बड़े अपराधियों के मामलों में स्पीडी ट्रायल करा रहे हैं. कोर्ट का सपोर्ट मिल रहा है.
इसलिए बड़ी है यह उपलब्धि : लोगों की जागरूकता, पुलिस की सजगता और स्पीडी ट्रायल के कारण बिहार में दुराचार की घटनाओं में गिरावट आयी है, लेकिन अब भी हर साल प्रति एक लाख की आबादी पर 30 महिलाओं के साथ वारदात हो रही हैं.
राष्ट्रपति भी कर चुके हैं सम्मानित
पटना. बिहार पुलिस के कई पदाधिकारी और सिपाहियों को श्रेष्ठ कार्य के लिए मेडल और अवार्ड से नवाजा गया है. अररिया की एसपी धुरत सायली सावालाराम को चुनाव आयोग ने बेस्ट इलेक्ट्रोल प्रैक्टिसेस अवार्ड 2019 के लिए चयनित किया है. राष्ट्रपति ने 25 जनवरी को दिल्ली के जोरावर ऑडिटोरियम में उनको यह अवार्ड प्रदान किया था.