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पटना : विश्वविद्यालयों में पढ़ायेंगे उद्योगपति शोध कार्यों में भी करेंगे पूरा सहयोग
पटना : प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अब अनुभवी उद्योगपति व उनके सीइओ पढ़ा सकेंगे. इसके लिए यूजीसी पैसे भी देगा. मंशा यह है कि विश्वविद्यालयों में हो रहे वैज्ञानिक रिसर्च को पहचान कर उद्यमियों की मांग के हिसाब से उत्पाद तैयार किये जाएं. यूजीसी की इस कवायद से प्रदेश में विज्ञान के अनुसंधान को न […]
पटना : प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अब अनुभवी उद्योगपति व उनके सीइओ पढ़ा सकेंगे. इसके लिए यूजीसी पैसे भी देगा. मंशा यह है कि विश्वविद्यालयों में हो रहे वैज्ञानिक रिसर्च को पहचान कर उद्यमियों की मांग के हिसाब से उत्पाद तैयार किये जाएं. यूजीसी की इस कवायद से प्रदेश में विज्ञान के अनुसंधान को न केवल पूंजी मिल सकेगी, बल्कि रिसर्च स्कॉलर को पेटेंट मिलने में भी आसानी होगी. फिलहाल बाजार की प्रतिस्पर्धा में बाजी मारने के लिए निजी कंपनियां शिक्षण संस्थाओं में बेहतर प्रतिभाओं को अपने पक्ष में अनुसंधान के लिए प्रेरित करेंगी.
बड़ी कंपनियों ने दिखायी रुचि : यूजीसी के इस प्रावधान के बाद बिहार के विश्वविद्यालयों में कुछ उद्यमी आगे आ सकते हैं. ये उद्यमी बेहतर रिसर्च के लिए भूमिका बनाने में मददगार साबित होंगे. रिलायंस इंडिया और दवा बनाने वाली कंपनियों ने बिहार के संदर्भ में दिलचस्पी दिखायी है. हालिया इंडियन साइंस कांग्रेस के दौरान उद्यमियों व प्रदेश के कुछ एक विश्वविद्यालयों के बीच सकारात्मक संवाद हुआ है.
हालांकि उद्यमियों ने विश्वविद्यालयों के सामने यह शर्त रखी है कि उन्हीं विश्वविद्यालयों में वैज्ञानिक अनुसंधान और उसकी वैज्ञानिक प्रतिभा को प्रोत्साहित करेंगे, जो बाजार में उत्पाद आने तक अपने रिसर्च को प्रकाशित नहीं करेंगे. दरअसल बाजार की प्रतिस्पर्धा को देखते हुए हर कंपनी विशेष अनुसंधान को अपने पक्ष में पेटेंट हासिल करने के लिए विवाद पैदा कर सकती हैं.
यूजीसी सैलरी का भुगतान भी करेगा
फिलहाल इंडस्ट्रीज जगत के अनुभवी सीइओ, प्रबंधक व अनुसंधान विंग के मुखिया विश्वविद्यालयों का सर्वे करने के बाद पढ़ाने का निर्णय लेंगे. उन्हें यूजीसी सैलरी का भुगतान भी करेगा. इसके अलावा वे एडजंक्ड प्रोफेसरके रूप में वे पढ़ा सकेंगे,लेकिन उन्हें सैलरी न देकर कुछ सुविधाएं और भत्ते दिये जायेंगे. वे इंडस्ट्रीज चेयर के रूप में पढ़ा सकते हैं. उद्यमी केवल एमएससी या पीएचडी विद्यार्थियों को ही पढ़ायेंगे.
विश्वविद्यालयों में औद्योगिक उपयोग के अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए यूजीसी ने यह व्यवस्था दी है. इस साल से बिहार में अनुसंधान को गति देने कुछ उद्यमी रुचि दिखा रहे हैं. इंडियन साइंस कांग्रेस में कुछ उद्योग समूहों ने रुचि दिखाई है. इस पहल से विश्वविद्यालय अनुसंधान के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं.
प्रो रणजीत कुमार वर्मा, सचिव ऑल इंडिया साइंस कांग्रेस
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