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पटना : 150 करोड़ खर्च, फिर भी अधूरा पड़ा सीसीटीएनएस

बिहार देश में एकमात्र ऐसा राज्य, जहां इस प्रोजेक्ट की गति सबसे धीमी पटना : राज्य में अपराधियों और अपराध पर नजर रखने के साथ ही अनुसंधान में समुचित सहयोग के लिए सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम) तैयार किया जा रहा है, परंतु राज्य में अब तक करीब 150 करोड़ रुपये खर्च करने […]

बिहार देश में एकमात्र ऐसा राज्य, जहां इस प्रोजेक्ट की गति सबसे धीमी

पटना : राज्य में अपराधियों और अपराध पर नजर रखने के साथ ही अनुसंधान में समुचित सहयोग के लिए सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम) तैयार किया जा रहा है, परंतु राज्य में अब तक करीब 150 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी अब तक इसका काम आधा-अधूरा ही हुआ है. अब राज्य सरकार ने इसे अप्रैल तक पूरा करके शुरू करने का सख्त निर्देश संबंधित कंपनी को दिया है.

इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2014 से ही हुई थी, परंतु देश में सिर्फ बिहार ही एकमात्र राज्य है, जहां अब तक यह पूरा नहीं हुआ है. इसके लिए कंपनी चयन की जिम्मेदारी बेल्ट्रॉन को सौंपी गयी थी. अब इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय को ही सौंप दी गयी है.

तमाम प्रक्रिया संपन्न करने के बाद मुख्यालय ने इस प्रोजेक्ट को तैयार करने की जिम्मेदारी टीसीएस को दी.

नालंदा और पटना में चल रही पॉयलट प्रोजेक्ट

इसके लिए शुरू में 250 करोड़ रुपये का अनुमान रखा गया है. करीब डेढ़ साल बीतने के बाद भी इसका काम अभी चल ही रहा है. सीसीटीएनएस को पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर अब तक महज दो जिलों पटना और नालंदा में ही शुरू किया गया है. राज्य के 1064 थानों में करीब 600 थानों में कंप्यूटर तो लग गये हैं, लेकिन इन्हें नेटवर्क से जोड़ने का काम पूरा नहीं हो पाया है. काम की रफ्तार बेहद धीमी है. सिर्फ दो जिलों की एफआइआर वर्ष 2016 से ही अब तक की ऑनलाइन अपलोड हो पायी है.

इन्हें देखा भी जा सकता है. कुछ दूसरे जिलों के थानों ने भी एफआइआर अपलोड किया है, परंतु अभी तक इसका काम पूरा नहीं हुआ है. इसके अलावा क्रिमिनल रिकॉर्ड व ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा समेत अन्य कई सुविधाएं इसके तहत बहाल होनी हैं, जिनका काम नहीं हुआ है. हालांकि, ऑनलाइन क्रिमिनल का रिकॉर्ड तैयार करने का काम अलग से शुरू किया गया है. यह कुछ महीने में पूरा हो जायेगा. बाद में इसे सीसीटीएनएस से जोड़ दिया जायेगा.

टेस्टिंग मोड में चल रही प्रोजेक्ट

टेस्टिंग मोड में चल रही इस प्रोजेक्ट में अब तक करीब सात लाख एफआइआर अपलोड हुए हैं, जिसमें अधिकतर संख्या में पटना और नालंदा जिलों के थाने हैं. सभी थानों में इसके लिए तमाम जरूरी सामग्री मुहैया कराकर इसे पूरा करने की बात कही जा रही है.

अप्रैल से इसे हर हाल में शुरू करने का निर्देश

सीसीटीएनएस की गहन समीक्षा की गयी है. अब इस वर्ष अप्रैल महीने से इसे हर हाल में शुरू करने का निर्देश दिया गया है. काम करने वाली कंपनी को काम में तेजी लाने के लिए कहा गया है. इस पर सरकार की निरंतर नजर बनी हुई है.

आमिर सुबहानी ( अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग)

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