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पटना : ऑनलाइन जमाबंदी की गड़बड़ी गले की फांस
नौ माह में सुलझ नहीं पायी एक करोड़ से अधिक जमाबंदी की गड़बड़ी पटना : राजस्व व भूमि सुधार विभाग के लिए ऑनलाइन म्यूटेशन के मामले और ऑनलाइन जमाबंदी की गड़बड़ी गले की फांस बनी हुई है. इस वर्ष एक अप्रैल से ऑनलाइन प्रक्रिया से लेकर करीब नौ माह बाद यानी वर्ष के अंत में […]
नौ माह में सुलझ नहीं पायी एक करोड़ से अधिक जमाबंदी की गड़बड़ी
पटना : राजस्व व भूमि सुधार विभाग के लिए ऑनलाइन म्यूटेशन के मामले और ऑनलाइन जमाबंदी की गड़बड़ी गले की फांस बनी हुई है.
इस वर्ष एक अप्रैल से ऑनलाइन प्रक्रिया से लेकर करीब नौ माह बाद यानी वर्ष के अंत में भी ऑनलाइन म्यूटेशन के मामले शून्य नहीं हो पाये हैं, जबकि वर्तमान समय में भी करीब एक करोड़ से अधिक ऑनलाइन जमाबंदी की गड़बड़ियां मौजूद हैं.
अंचल कार्यालयों की सुस्ती, अंचलाधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की लापरवाही के कारण लोगों को ऑनलाइन तकनीक फायदा के बदले परेशानी का सबब बन गयी है. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने वर्ष के अंत में जो जमाबंदी व म्यूटेशन के आंकड़ों को जारी किया है. उससे आगे भी परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही है.
8. 80 लाख से अधिक दाखिल -खारिज के मामले लंबित
84 लाख मामलों में कुल जमाबंदी शून्य दर्ज की गयी है
म्यूटेशन के अलावा राज्य में जमाबंदी के मामलों भी गड़बड़ी में सुधार नहीं हो पा रहा है, जबकि जांच के बाद आॅनलाइन जमाबंदी की और अधिक गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. राज्य में अब तक तीन करोड़ 61 लाख तीन हजार तीन सौ 82 जमाबंदी रिकॉर्ड की गयी है. इसमें मात्र दो करोड़ 93 हजार आठ सौ 31 जमाबंदी में अंतिम लगान डिटेल के साथ दर्ज किया गया है. इसमें एक करोड़ 60 लाख नौ हजार पांच सौ 51 जमाबंदी में पिछला लगान डिटेल नहीं डाला गया है, जबकि 81 लाख 38 हजार चार सौ 39 जमाबंदी मामलों में खाता की जानकारी नहीं दी गयी है.वहीं , 83 लाख 99 हजार पांच सौ 26 जमाबंदी के मामलों में कुल जमाबंदी क्षेत्र जीरो दर्ज किया गया है.
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