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पटना : मॉड्यूलर टॉयलेट में लटका रह गया ताला
पटना : नगर निगम ने राजधानी की सड़कों व सार्वजनिक स्थलों पर 500 टॉयलेट बनाने की योजना बनायी. इसमें 400 मॉड्यूलर व 100 इ-टॉयलेट शामिल हैं. इस योजना को 25 करोड़ की लागत से पूरा करना है, जिस पर काम भी शुरू किया गया और करीब 75 जगहों पर मॉड्यूलर टॉयलेट बनाया भी गया. लेकिन, […]
पटना : नगर निगम ने राजधानी की सड़कों व सार्वजनिक स्थलों पर 500 टॉयलेट बनाने की योजना बनायी. इसमें 400 मॉड्यूलर व 100 इ-टॉयलेट शामिल हैं.
इस योजना को 25 करोड़ की लागत से पूरा करना है, जिस पर काम भी शुरू किया गया और करीब 75 जगहों पर मॉड्यूलर टॉयलेट बनाया भी गया. लेकिन, इन बने मॉड्यूलर टॉयलेट में ताला लटका हुआ है, जो नहीं खुला और आमलोग टॉयलेट के अभाव में चौक-चौराहे व सड़कों को गंदा कर रहे हैं. वहीं, हाउस फॉर ऑल योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए किफायती आवास की योजना भी बनायी गयी. इस योजना को लेकर तीन स्थल चयनित भी किये गये. लेकिन, अब तक सपना ही बना हुआ है.
पानी कनेक्शन के अभाव में टॉयलेट बंद : तत्कालीन नगर आयुक्त के निर्देश पर आनन-फानन में सीएसआर की राशि से मॉड्यूलर टॉयलेट बनना शुरू हुआ. कार्यपालक अभियंताओं की देखरेख में टॉयलेट बनने का काम शुरू हुआ. लेकिन, कहीं पानी कनेक्शन की व्यवस्था नहीं की गयी. स्थिति यह है कि पेसू कार्यालय के समीप, सिंचाई भवन के समीप, मौर्यालोक परिसर, इंटरमीडिएट काउंसिल के समीप, ईको पार्क के समीप, चिड़िया घर के समीप, बीएन कॉलेज के समीप, जंक्शन के समीप, कारगिल चौक आदि जगहों पर बने टॉयलेट बंद है. इन टॉयलेट का उपयोग लोग नहीं कर रहे है और मजबूरन लोग टॉयलेट के बाहर गंदगी फैला रहे हैं.
फाइलों में किफायती आवास योजना
राजधानी के कमला नेहरू नगर और पटना सिटी के शरीफागंज व बाहरी बेगमपुर स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों को किफायती आवास मिले, इसको लेकर निगम प्रशासन ने किफायती आवास की योजना बनायी. इसमें 93.49 करोड़ से बेगमपुर, 47.88 करोड़ से शरीफागंज और 188.42 करोड़ से कमला नेहरू नगर प्रोजेक्ट को पूरा करना है. इस राशि को वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में प्रावधान भी किया गया, ताकि समय सीमा में योजना पूरी की जा सके. लेकिन, योजना फाइलों में सिमटी हुई है.
नहीं लग सका रिसाइकलिंग प्लांट
निगम क्षेत्र से रोजाना 1100 मिट्रिक टन कचरा निकलता है. इस कचरा को रिसाइकलिंग करने को लेकर बैरिया स्थित कूड़ा डंपिंग यार्ड में वर्ष 2018 में योजना बनायी गयी और जून 2019 से बिजली उत्पादन भी शुरू करना था. लेकिन, अब चयनित एजेंसी हाथ पीछे खींच लिया है, जिससे इस वर्ष रिसाइकलिंग प्लांट लगना मुश्किल हो गया है.
कचरा कलेक्शन व स्ट्रीट लाइट पर अच्छा काम
दो अक्तूबर 2018 को 10-15 ऑटो-टीपर के सहारे डू टू डोर कचरा कलेक्शन की शुरुआत की गयी. लेकिन, अब 375 ऑटो-टीपर है, जो प्रत्येक वार्ड में पांच-पांच की संख्या में तैनात की गयी है. इस ऑटो-टीपर के सहारे शत प्रतिशत घरों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है. इसके साथ ही निगम क्षेत्र में इस वर्ष 70 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट लगाये गये है.
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