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पटना : बैंक लोन से कराह रहे बीमार घोषित 26 औद्योगिक यूनिट

पटना : तकनीकी कारणों से बैंक लोन न चुका पाने और चल हरे औद्योगिक परिदृश्य की चुनौतियों में उलझ कर रही गयीं राज्य की 25 औद्योगिक इकाइयों को बीमार या रुग्ण इकाई घोषित किया गया है. ऐसे हालात 2015-फरवरी, 2019 के बीच बने हैं. उद्योगों के आर्थिक हालात लगातार खराब होती जा रही हैं. करीब […]

पटना : तकनीकी कारणों से बैंक लोन न चुका पाने और चल हरे औद्योगिक परिदृश्य की चुनौतियों में उलझ कर रही गयीं राज्य की 25 औद्योगिक इकाइयों को बीमार या रुग्ण इकाई घोषित किया गया है. ऐसे हालात 2015-फरवरी, 2019 के बीच बने हैं. उद्योगों के आर्थिक हालात लगातार खराब होती जा रही हैं.
करीब दर्जन भर इकाइयां बंद हो चुकी हैं. शेष इकाइयां अपनी क्षमता से बहुत कम उत्पादन कर रही हैं. फिलहाल समूचे प्रदेश में उद्योग विभाग को बीमार औद्योगिक यूनिट घोषित करने के ऑनलाइन आवेदन 76 हो चुके हैं. हालांकि, इस समस्या के समाधान की दिशा में विभाग की तरफ से कोई खास सकारात्मक पहल नहीं देखी जा रही है.
बीमार घोषित हो रही अधिकतर यूनिटों ने प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक का निवेश किया था. खस्ताहाल हुई औद्योगिक इकाइयों में सबसे ज्यादा उद्योग कृषि व खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक स्टेट लेवल कमेटी फॉर री-हैबिटेशन ऑफ माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज की फरवरी, 2019 में हुई बैठक में तीन औद्योगिक इकाइयों के पुर्नवास के लिए राहत पैकेज देने के प्रस्तावों को मंजूरी भी दी गयी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक लगभक 9 माह बाद भी उन्हें विभाग की तरफ से वित्तीय कोई राहत नहीं मिल सकी है. मंजूरी के बाद भी राहत न पा सकने वाली तीन औद्योगिक यूनिटें मां शारदे राइस मिल भोजपुर, श्री महादेव जी राइस मिल भोजपुर और बैजनाथ राइस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड हैं.
विभाग के मुताबिक रुग्ण हो जाने की सूचना देने वाली औद्योगिक इकाइयों ने राहत पैकेज के लिए 76 आवेदन दिये हैं. इनमें से 47 आवेदनों पर बैठक में चर्चा की गयी. 25 इकाइयों को बीमार घोषित किया गया. दस यूनिटों के आवेदन निरस्त किये गये. पुनर्वास के लिए तीन आवेदन स्वीकृत किये गये. दस आवेदनों निरस्त कर दिये गये.

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