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पटना : स्कूल के लिए जमीन खरीदेगी सरकार

बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर भी जमीन लेने को तैयार है विभाग पटना : राज्य के भूमिहीन हाइस्कूलों को जमीन मुहैया कराने के लिए सरकार बाजार भाव से जमीन खरीदेगी. जरूरत पड़ने पर जमीन देने वालों से बाजार की कीमत से अधिक दर से भी सौदा तय हो सकता है. पहली कोशिश लीज पर […]

बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर भी जमीन लेने को तैयार है विभाग
पटना : राज्य के भूमिहीन हाइस्कूलों को जमीन मुहैया कराने के लिए सरकार बाजार भाव से जमीन खरीदेगी. जरूरत पड़ने पर जमीन देने वालों से बाजार की कीमत से अधिक दर से भी सौदा तय हो सकता है.
पहली कोशिश लीज पर जमीन लेने की होगी. लीज पर अंतिम सहमति नहीं बनी, तो खरीद का निर्णय लिया जायेगा. सरकार ने सभी पंचायतों में हाइस्कूल खोलने का फैसला लिया है. पहली अप्रैल से सभी पंचायतों में नौवीं कक्षा की पढ़ाई शुरू होने वाली है. फिलहाल भूमहीन हाइस्कूलों की संख्या 166 है. इनकी संख्या बढ़ भी सकती है.
सभी पंचायतों में हाइस्कूल खोले जाने की योजना के तहत कक्षा नौ की पढ़ाई के लिए राज्य सरकार ने मिडिल स्कूलों को हाइस्कूल में अपग्रेड तो कर दिया गया है, लेकिन सभी स्कूलों के पास मानक के अनुसार जमीन नहीं है.
इसलिए शिक्षा विभाग आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले भूमिहीन माध्यमिक विद्यालयों के लिए आम लोगों से लीज पर जमीन लेने का निर्णय लिया है. अपर मुख्य सचिव ने आरके महाजन ने शुक्रवार को यह निर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिया है. उन्होंने इसके लिए टाइमलाइन भी निर्धारित कर दिया है.
सभी डीइओ को हर हाल में स्कूल भवन 28 फरवरी तक बना लेने का निर्देश मिला है. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जिलों से समय पर जमीन और स्कूल भवन का निर्माण नहीं हो पाता है, तो वैसे डीइओ के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी. प्रदेश में 1163 पंचायतों में 2-2 और 193 पंचायतों में एक-एक कमरे बनाये जाने हैं.
विशेष समझौते के तहत लीज पर भी ली जा सकती है जमीन
शिक्षा विभाग ने इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भूमिहीन स्कूल वाले पंचायतों का चयन करने को कहा है. विभाग की मंशा है कि अगर कोई आम आदमी जमीन बेचना चाहता है, तो उसकी जमीन खरीदी जायेगी.
इसके लिए विभाग भूमि की बाजार मूल्य से अधिक कीमत भी चुकाने को तैयार है. विशेष समझौते के तहत लीज पर जमीन लेने को भी विभाग तैयार होगा. अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने शुक्रवार को इस आशय के दिशा निर्देश जिलों से आये जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अफसरों को गंभीरता से काम करना होगा.
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने साफ किया कि अब कक्षा नौ की क्लास स्मार्ट क्लास के रूप में संचालित होंगी. इसके लिए उन्हें संसाधन जुटाने के लिए प्रति स्कूल 90 हजार रुपये दे दिये गये हैं. माध्यमिक विद्यालयों को भी अब स्मार्ट क्लास की सुविधाओं से युक्त किया जायेगा.
चोरी होने पर स्मार्ट क्लास के लिए नये मिलेंगे टीवी : अपर मुख्य सचिव ने स्मार्ट क्लास के संदर्भ में एक अहम निर्णय देते हुए कहा कि जिन विद्यालयों में टीवी चोरी हो गये हैं, वहां तत्काल नये टीवी पहुंचाया जायेगा.
इसके लिए पैसा भी जारी किया जायेगा. हालांकि उन्होंने साफ किया कि चोरी होने पर जिम्मेदारी तय करने की दिशा में भी काम किया जाये, अन्यथा डीइओ पर होगी कार्रवाई. बैठक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह, सहायक सचिव शिवनाथ,अमित कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना के प्रभारी अफसर रविशंकर सिंह, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी राजकुमार आदि उपस्थित रहे. उल्लेखनीय है कि 14 जिलों की बैठक पहले दिन आयोजित की जा चुकी है.

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