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पटना : पानी की जांच के बाद लगेगा ट्रीटमेंट प्लांट
पटना : मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना के तहत घरों में शुद्ध पानी पहुंचाना है. योजना को निश्चित समय में पूरा करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम तेज किया गया है. पीएचइडी ने अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि ट्रीटमेंट प्लांट लगाते वक्त पानी की गुणवत्ता निश्चित रूप से […]
पटना : मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना के तहत घरों में शुद्ध पानी पहुंचाना है. योजना को निश्चित समय में पूरा करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम तेज किया गया है. पीएचइडी ने अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि ट्रीटमेंट प्लांट लगाते वक्त पानी की गुणवत्ता निश्चित रूप से जांच कर लें. इसके बाद ही उस जगह पर नल का जल के लिए बोरिंग हो सकेगी. अगर ऐसी शिकायत किसी भी वार्ड से विभाग को मिलती है कि गुणवत्ता की जांच को नजरअंदाज कर बोरिंग की गयी है, तो कार्रवाई होगी.अधिकारी और संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई होगी.
गहराई के बाद मिल रहा शुद्ध पानी : गुणवत्ता प्रभावित वार्डों में जहां-जहां पानी की शुद्धता की जांच होने के बाद बोरिंग हुई है. उन वार्डों में कुछ गहराई बढ़ाने पर पानी में शुद्धता बढ़ गयी है. अधिकारियों ने जब विभाग को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी है. उसके बाद ही विभाग ने पानी की जांच को पूरी तरह से अनिवार्य किया है.
वार्डों में शुरू हुई थर्ड पार्टी जांच
पीएचइडी 56,079 वार्डों में हर घर नल का जल पहुंचायेगा. वहीं, पीएचइडी के लिए निर्धारित 56,079 वार्डों में 30,497 वार्ड गुणवत्ता प्रभावित है, जिनमें 5085 वार्डों में आर्सेनिक, 3814 वार्डों में फ्लोराइड और 21,598 वार्डों में अधिक आयरन हैं. जिन वार्डों में काम पूरा कर लिया गया है, थर्ड पार्टी जांच शुरू की गयी है.
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