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पटना : रिश्वखोरी मामले में फैसला सुरक्षित रखा
पटना : पटना सिविल कोर्ट से जुड़े रिश्वखोरी के एक मामले में पटना हाइकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस जस्टिस शिवाजी पांडेय व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने अधिवक्ता दिनेश कुमार द्वारा इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दायर जनहित याचिका […]
पटना : पटना सिविल कोर्ट से जुड़े रिश्वखोरी के एक मामले में पटना हाइकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस जस्टिस शिवाजी पांडेय व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने अधिवक्ता दिनेश कुमार द्वारा इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. रिश्वतखोरी के इस मामले को कैश फॉर जस्टिस के नाम से भी जाना जाता है. इस मामले को एक निजी चैनल ने खबर के तौर पर प्रसारित किया था.
प्रदेश के पुलिस थानों में केस डायरी को डिजिटल करने को लेकर सुनवाई : बिहार के पुलिस थानों में केस डायरी को डिजिटल तरीके से कंप्यूटर के माध्यम से लिखे जाने को लेकर दायर लोकहित याचिका पर हाइकोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई. इस मामले पर अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी. न्यायाधीश शिवाजी पांडेय व न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने अधिवक्ता ओम प्रकाश की ओर से इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब तलब किया है.
सरकारी वकीलों का दीवाली व छठ बिल भुगतान नहीं होने के कारण फीका : हाइकोर्ट के सरकारी वकीलों का दीवाली व छठ, उनके बिल भुगतान नहीं होने के कारण फीका पड़ सकता है.
पटना, हाइकोर्ट में बिहार सरकार का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता के साथ, अपर महाधिवक्ता व अन्य विधि पदाधिकारी समेत उनके सहायक वकील, एपीपी व स्पेशल पीपी की कुल संख्या 500 से अधिक है. इनमें से अधिकांश वकीलों का पेशेवर फीस का बिल छह-आठ महीनों से लंबित पड़ा है, जिसका अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है.
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