पटना : बिहार म्यूजियम में निदेशक मो. युसूफ के द्वारा की गयी छह नियुक्तियों पर विवाद और बढ़ गया है. विरोधी गुट ने दबी जुबान से उन पर व्यक्तिगत हित के लिये बहाली करने का आरोप लगाया और इसे अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण बताया है. वहीं सरकारी अधिकारियों ने मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच जारी होने की बात कही है.
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छह नियुक्तियों पर और बढ़ा विवाद, बिहार म्यूजियम के निदेशक बोले – गलत लगता है, तो हटा दें कर्मियों को
पटना : बिहार म्यूजियम में निदेशक मो. युसूफ के द्वारा की गयी छह नियुक्तियों पर विवाद और बढ़ गया है. विरोधी गुट ने दबी जुबान से उन पर व्यक्तिगत हित के लिये बहाली करने का आरोप लगाया और इसे अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण बताया है. वहीं सरकारी अधिकारियों ने मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच […]
कला संस्कृति विभाग के एडीशनल सेक्रेटरी दीपक आनंद ने कहा कि नियुक्तियों में विधिवत प्रक्रिया का पालन नहीं करने की बात कही जा रही है. न तो इनका विज्ञापन निकाला गया और न ही रोस्टर का पालन किया गया. इन सभी की जांच की जा रही है. दूसरी ओर निदेशक ने अस्थायी नियुक्तियों का अधिकार होने का दावा करते हुए कहा कि उन्हें कार्यकारिणी परिषद ने इसका अधिकारी दे रखा था इसलिए नियुक्तियां की.
इसके बावजूद किसी को गलत लगता है और उन्होंने मामले में कानून विशेषज्ञों की राय ले ली है तो उसे हटा सकते हैं. जहां तक व्यक्तिगत हित साधने या पैसे लेने का आरोप है तो 8-10 हजार रुपये के वेतन पर महज छह महीना के लिए की गयी अस्थायी नियुक्ति के लिए पैसा कौन देगा, यह कोई भी व्यक्ति स्वयं समझ सकता है. यदि उन्हें पैसे लेकर ही बहाली करना होते तो म्यूजियम में 85 अस्थायी पद अभी भी खाली नहीं होते.
काम को बाधित होने से बचाने के लिए जहां जरूरी था, मैंने वहीं नियुक्ति की. उनकी नियुक्तियों में आरक्षण का भी ध्यान रखा गया है और छह में एक को छोड़कर सभी पांच लोग पिछड़ा या अतिपिदड़ा वर्ग से संबंधित हैं. इसके बावजूद किसी के पास इसमें भ्रष्टाचार या व्यक्तिगत लाभ लेने का रत्ती भर सबूत भी है तो उसे सामने लाये. मैं सामना करने के लिए तैयार हूं.
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