पटना : राज्य में जमीन सर्वे के काम में एक बार फिर ब्रेक लग सकता है. 275 सहायक बंदोबस्ती पदाधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगने के बाद 20 जिलों में शुरू होने वाले जमीन सर्वे में देरी होने की पूरी आशंका बन गयी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मैन पॉवर की कमी बीते छह वर्षों से चल रहे सर्वे काम को और सुस्त करने वाला है.
इसके अलावा सबसे बड़ी बात है कि जिस मामले में सहायक बंदोबस्ती पदाधिकारियों की चयनित सूची को रद्द किया है, यह स्थिति अन्य नियुक्तियों पर भी बन सकती है. अभी भी कानूगो के 550 पद, सर्वे अमीन के 4250 पद, सामान्य अमीन के 550 पद पर नियुक्ति का मामला भी न्यायालय में चल रहा है.
2013 में शुरू हुई थी एरियल फोटोग्राफी
सर्वे का काम वर्ष 2013 में शुरू किया गया था. एजेंसी के माध्यम से विभाग ने राज्य में हवाई फोटोग्राफी करायी थी. जिसे वर्ष 2016-17 तक पूरा किया गया था. उसके बाद से ही उस एरियल फोटोग्राफी को जमीन पर सत्यापन कर फाइनल नक्शा निकलवाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसमें विभाग को अब तक सफलता नहीं मिली है.
विभाग की ओर से जमीन पर भौतिक सत्यापन को लेकर जिलों की संख्या में भी बदलाव होता रहा है. फिलहाल अभिलेख एवं परिमाण के निदेशक जय सिंह की ओर से जारी निर्देश में राज्य के 20 जिलों नालंदा, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, सुपौल, किशनगंज, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, शिवहर, बांका, अरवल,जमुई, जहानाबाद, सीतामढ़ी, पश्चिमी
चंपारण, अररिया व शेखपुरा में वर्ष 2019-20 से प्राथमिकता के आधार पर सर्वेक्षण का काम पूरा करना है.
मात्र दो जगहों पर सर्वे
कर्मियों की कमी के कारण विभाग की ओर से मात्र दो जगह बेगूसराय के सदर और सुपौल के पीपरा अंचल में भूमि सर्वेक्षण का काम किया जा रहा है. इसमें एटीएस मशीन से बगैर जमीन की एरियल फोटोग्राफी का सत्यापन किया जा रहा है. वहीं 18 जिलों मसलन, मुजफ्फरपुर, वैशाली, गया, औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास, गोपालगंज, समस्तीपुर, दरभंगा, भोजपुर, बक्सर, पटना, मधुबनी, सारण, भागलपुर, सीवान, व पूर्वी चंपारण में सर्वेक्षण के काम पर रोक लगा दी गयी है.