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जलजमाव पर एक्शन में राज्य सरकार : बुडको के 11 इंजीनियरों को नोटिस, नगर निगम के छह सफाई निरीक्षक निलंबित

पटना : शहर में हुए जलजमाव को लेकर बुडको के 11 इंजीनियरों और नगर निगम के दो कार्यपालक पदािधकारियों को नोटिस जारी किया गया है और उनके वेतन पर रोक लगा दी गयी है. सभी को सात दिनाें के अंदर जवाब देना है. इसके बाद उन पर कार्रवाई होगी. इसके अलावा नगर निगम के छह […]

पटना : शहर में हुए जलजमाव को लेकर बुडको के 11 इंजीनियरों और नगर निगम के दो कार्यपालक पदािधकारियों को नोटिस जारी किया गया है और उनके वेतन पर रोक लगा दी गयी है. सभी को सात दिनाें के अंदर जवाब देना है. इसके बाद उन पर कार्रवाई होगी. इसके अलावा नगर निगम के छह सफाई निरीक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है.शहर में अगली बार जलजमाव की कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए 14 नये संप लगाये जायेंगे.

शहरी इलाकों में पटना नगर निगम के एनओसी के बिना किसी भी निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गयी है. शहर के विभिन्न इलाकों से पानी की निकासी के लिए शाॅर्ट टर्म और दीर्घकालिक दो तरह की योजनाएं बनायी जायेंगी. दिसबंर तक नालों की उड़ाही कर लेने का निर्णय लिया गया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में जलजमाव को लेकर कई अधिकारियों पर कार्रवाई करने और राजधानी को इस समस्या से निजात दिलाने के उपायों को हरी झंडी दी गयी. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा समेत आधा दर्जन दूसरे विभागों के मंत्री और आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक में तत्काल पहली नजर में दोषी माने जाने वाले इंजीनियरों को नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया.
मैराथन बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर से जल निकासी की योजना ऐसी बने जो पटना के अलावा दूसरे शहरों के लिए भी उपयोगी हो. उन्होंने कहा कि जलजमाव से पटना के लोगों को काफी परेशानी हुई है. इसलिए कुछ दोषियों पर कार्रवाइ की गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में कोई भी निर्माण हो तो वह पर्यावरण के अनुकूल हो. बैठक में पटना जिले के प्रभारी सचिव एस सिद्धार्थ ने जलजमाव के निरीक्षण और सर्वे रिपोर्ट पेश की. इसमें बताया गया कि तीन दिनों में 341. 5 मिलीमीटर वर्षा हुई. वहीं, डीएम कुमार रवि ने राहत और बचाव कार्यों की जानकारी दी.
बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर बताया कि दोषियों पर कार्रवाई के अलावा शहर में जल निकासी के लिए नगर विकास व आवास विभाग की ओर से बनाये गये नये प्रस्ताव पर चर्चा हुई है.
मुख्य सचिव ने बताया कि बिहार शहरी आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बुडको) के एक मुख्य अभियंता सहित 11 अभियंताओं के अलावा नगर निगम के कंकड़बाग व बांकीपुर अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी और कई सफाई निरीक्षकों व सिटी मैनेजरों को दोषी पाया गया है. जिन लोगों को दोषी पाया गया है, उन्हें सात दिनों में जवाब देना होगा. इसके बाद इन पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी. मुख्य सचिव ने कहा कि एक-दो दिन बाद कई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
उन्होंने बताया कि जिन लोगों पर कार्रवाई की गयी है, उनमें बुडको के एक मुख्य अभियंता, दो अधीक्षण अभियंता, छह कार्यपालक अभियंता , एक कार्यपालक अभियंता (मैकेनिकल), एक सहायक अभियंता (मैकेनिकल) शामिल हैं, जबकि एक कार्यपालक अभियंता का तबादला कर दिया गया और नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर काम कर रही एलएनटी कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज से भी जवाब मांगा गया है.
दो कार्यपालक पदाधिकारी और सफाई निरीक्षकों पर भी गिरी गाज
नगर निगम के कंकड़बाग व बांकीपुर अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारी के अलावा कंकड़बाग के सिटी मैनेजर व मुख्य सफाई निरीक्षण, बांकीपुर के सभी सफाई निरीक्षकों सहित पंपिंग स्टेशनों पर काम करने वाले 22 कर्मचारियों को शोकॉज किया गया है.
वहीं, पाटलिपुत्र के दो सफाई निरीक्षक, कंकड़बाग के चार सफाई निरीक्षकों को निलंबित किया गया है. नगर निगम में भी एक दो दिनों में और लोगों पर कार्रवाई होगी.
सीएम ने चार घंटे की समीक्षा बैठक, दो कार्यपालक पदाधिकारियों को शोकॉज, 14 नये संप का होगा निर्माण
नगर विकास व आवास विभाग ने 50 पन्नों का रखा जल निकासी का नया प्रस्ताव
कंकड़बाग के सिटी मैनेजर व मुख्य सफाई निरीक्षक, बांकीपुर के सभी सफाई निरीक्षकों सहित पंपिंग स्टेशनों के 22 कर्मियों को शोकॉज
बुडको के एक कार्यपालक अभियंता का तबादला
नमामि गंगे प्रोजेक्ट का काम कर रही एलएनटी कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज से जवाब तलब
जल निकासी के प्रस्तावों पर विचार के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी
दोषियों पर कार्रवाई के अलावा विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया गया है. कमेटी में नगर विकास व आवास विभाग, पथ निर्माण विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव सहित बुडको व नगर निगम के अधिकारी रहेंगे. कमेटी एक माह के अंदर नगर विकास व आवास विभाग की ओर जल निकासी के सभी प्रस्तावों पर चर्चा कर निर्णय लेगी.
कमेटी को आम लोगों के भी सुझाव लेना है. इसके अलावा आपदा प्रबंधन विभाग के साथ काम कर रही एजेंसी नीरी भी जल निकासी का नया प्रस्ताव तैयार कर इस कमेटी को देगी. सरकार की तैयारी है कि सभी प्रोजेक्टों को अगली बरसात से पहले पूरे कर लिये जाएं, ताकि अगली बार लोगों को परेशानी नहीं हो.
क्या दिया गया प्रस्ताव
  • अगमकुंआ में रेललाइन के पास जमा कचरे के ढेर को साफ किया जाये
  • नाला रोड, दानापुर सहित 14 जगहों पर संप स्टेशनों का हो निर्माण
  • 100 से अधिक डिवाटरिंग पंप खरीदे जाएं
  • शहरी क्षेत्र में नगर निगम से एनओसी लिये बिना कोई निर्माण नहीं किया जा सकेगा, इसके लिए सिस्टम डेवलप किया जायेगा
  • दो माह में नगर निगम क्षेत्र में सभी नालों को अतिक्रमण मुक्त किया जायेगा
  • दिसंबर तक नालों से गाद हटा कर सफाई की जायेगी
  • मुख्य सचिव बोले, ये हुई लापरवाहीसही समय पर पंप नहीं चले
  • कई जगहों पर डीजल पंप चलाने के लिए डीजल उपलब्ध नहीं था
  • कई संप स्टेशन खराब पड़े हुए थे
  • कई ड्रेनेजों की सफाई पहले से नहीं हुई थी
19 को जन प्रतिनिधियों संग सीएम की बैठक
पटना. पटना में जलजमाव की स्थिति पर मुख्यमंत्री यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ जल्द ही एक दूसरी बैठक भी करेंगे. सम्राट अशोक अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि जल्द ही वह शहर में जलजमाव के मसले पर यहां के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. बाद में विधायक संजीव चौरसिया ने बताया कि 19 अक्तूबर को यह बैठक होगी.
जलजमाव पर कल सुनवाई करेगा हाइकोर्ट
पटना. पटना हाइकोर्ट शहर में हुए जलजमाव मामले को लेकर दायर सभी याचिकाओं की एक साथ बुधवार को सुनवाई करेगा. इस मामले में वकीलों के अनुरोध पर न्यायाधीश शिवाजी पांडेय और न्यायाधीश पार्थ सार्थी की खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई की तिथि तय की. कोर्ट ने माना कि यह एक गंभीर समस्या थी और इससे पटना के नागरिकों को काफी परेशानी हुई है.
कोर्ट को वकीलों ने बताया कि पूरे पटना के नागरिकों को जलजमाव के दौरान नरकीय स्थिति में झोंक दिया गया था. राज्य सरकार और प्रशासन तंत्र आम जनता को किसी भी प्रकार का मदद करने में पूरी तरह से विफल रहा. वकीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि ड्रेनेज सिस्टम भी फेल हो गया था.
पटनावासियों की सुविधाओं व जलजमाव की समस्या खत्म करने के लिए बनी योजनाओं की राशि में हेरफेर की जांच के लिए कमेटी भी गठित की जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले की मॉनीटरिंग भी की जायेगी, ताकि जो भी लोग इस स्थिति के लिए जिम्मेदार होंगे, उन पर करवाई की जा सके.

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