पटना: शराबबंदी कानून का पालन करने का बिहार पुलिस के एक नये तरीके पर पटना हाइकोर्ट ने हैरानी जताते हुए संबंधित थाने के प्रभारी समेत आइओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अश्वनी कुमार सिंह की एकल पीठ ने मनोज कुमार सिंह और विनय कुमार द्वारा दायर अापराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने इस मामले को लेकर निचली अदालत में चल रहे मुकदमे पर भी रोक लगा दिया है.
मामला व्हाट्सएप पर शराब पीते वायरल हुए फोटो के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने का है. अदालत ने इस मामले को लेकर बक्सर जिला के मुफस्सिल थाना के थाना प्रभारी और इस मामले के अनुसंधानकर्ता को कहा कि दोनों अधिकारी निजी तौर पर इस मामले में अपना अपना जवाब हाईकोर्ट में जमा करेंगे. आवेदकों की ओर से कोर्ट को बताया कि व्हाट्सएप पर शराब पीते वायरल हुए फोटो के आधार पर पुलिस ने आवेदकों को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.आवेदक ने शराब पी थी या नही इस बारे में पुलिस ने उनका मेडिकल तक नहीं कराया. बगैर मेडिकल के ही पुलिस ने मान लिया कि दोनों याचिकाकर्ताओं ने शराब पी है.उनका कहना था कि बिहार में शराबबंदी के नाम पर पुलिस लोगो को एक खास मकसद से तंग कर रही है.
क्या है मामला
बक्सर जिले के मुफस्सिल थानेदार को उनके सरकारी मोबाइल के व्हाट्सएप पर सदर डीएसपी के मोबाइल से भेजी गयी कुछ तस्वीरें देखने को मिली. इस तस्वीर में चार आदमी एक कार के अंदर शराब पीते देखे गये. दो कार में आगे और दो पीछे बैठकर शराब का सेवन कर रहे थे. बस फिर क्या था दारोगा जी ने यह कहते हुए कानून का डंडा चलाया कि बिहार राज्य में पूर्ण शराबबंदी है. शराब पीना संज्ञेय अपराध है. चूंकि उन चार लोगों का फोटो, शराब पीते हुए वायरल हुआ है इसलिए शराबबंदी कानून के तहत उन चारों लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए.
यह कहते हुए बक्सर मुफस्सिल थाना के थानेदार ने व्हाट्सएप के फोटो में दिख रहे उक्त चारों लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ बक्सर मुफस्सिल थाना कांड संख्या 181 /19 30 जून को दर्ज किया. मुकदमा दर्ज करने के बाद उन चारों लोगों को गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी बक्सर के समक्ष पेश कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. करीब एक सप्ताह जेल में रहने के बाद उन चारों को बक्सर के स्पेशल कोर्ट (शराबबंदी ) से जमानत मिल गयी. उन चार अभियुक्तों में से दो मनोज कुमार सिंह एवमं विनय कुमार ने हाइकोर्ट आकर इस शराबबंदी मामले को निरस्त करने की गुहार लगायी. इस मामले पर सोमवार को सुनवाई हुई.
न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार सिंह की एकलपीठ ने मनोज सिंह व अन्य की आपराधिक रिट याचिका को सुनते हुए इस मामले को दर्ज करने वाले थानेदार वैद्यनाथ चौधरी एवं कांड के अनुसंधानकर्ता अवलेश कुमार , को व्यक्तिगत तौर पर पक्षकार बनाने का निर्देश याचिकाकर्ता को दिया तथा इन दोनों पदाधिकारियों से जवाब तलब किया .