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लोगों को नोटिस दे गायब हुईं बीडीओ और सीओ

फुलवारीशरीफ : अपने ही दल के सरकार के अधिकारियों की लाल फीताशाही के शिकार संपतचक के जदयू और भाजपा के नेता सहित बड़ी संख्या में आम जनता शनिवार को सड़क पर उतर कर विरोध जताया. बैरिया कर्णपुरा पंचायत के लगभग सैकड़ों लोग रोड चौड़ीकरण के नाम पर घर तोड़ने और खाली करने का आदेश का […]

फुलवारीशरीफ : अपने ही दल के सरकार के अधिकारियों की लाल फीताशाही के शिकार संपतचक के जदयू और भाजपा के नेता सहित बड़ी संख्या में आम जनता शनिवार को सड़क पर उतर कर विरोध जताया. बैरिया कर्णपुरा पंचायत के लगभग सैकड़ों लोग रोड चौड़ीकरण के नाम पर घर तोड़ने और खाली करने का आदेश का विरोध कर रहे थे.

इस मामले में दिये गये नोटिस के संबंध में ग्रामीणों को शनिवार को प्रखंड मुख्यालय में बुलाया गया था, लेकिन जब लोग वहां पहुंचे तो अधिकारी नदारद थे. बीडीओ सह सीओ प्रेरणा सिंह प्रखंड कार्यालय नहीं पहुंचीं थीं जिससे इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हो पायी.
अधिकारी पदाधिकारी को नदारद देख लोग आक्रोशित होकर सड़क पर प्रदर्शन करने लगे. इसमें स्थानीय भाजपा और जदयू के नेता कार्यकर्ता भी शामिल हो गये. प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना था की प्रशासन ने नोटिस थमा दिया और जब अधिकारियों से मिलने पहुंचे तो बीडीओ सहित नापी करने वाले अमीन तक गायब हो गये.
अंचल में ही ग्रामीण इंकलाब जिंदाबाद, लाल फीताशाही वापस लो के नारे लगाने लगे. लोगों का आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा सही जानकारी नहीं दी जा रही है. तीन तरह के नक्शे दिखाये जा रहे हैं. कहीं 80, तो कहीं 100-120 के हिसाब से चौड़ीकरण के नक्शे दिखाये जा रहे हैं. जो सरासर गलत और दिग्भर्मित करने वाला है.
प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना है कि सरकार खतियानी जमीन के बदले मुआवजा दे या कहीं अन्यत्र जमीन की व्यवस्था करे. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ 23 तारीख को जिला प्रशासन की नीतियों के खिलाफ एक निजी हॉल में पंचायत की मीटिंग भी बुलायी गयी है. सरपंच मनोज यादव ने कहा कि लोगों के साथ ना इंसाफी की जा रही है.
निजी जमीनों को हथियाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया की 52 से 53 महादलित लोगों के जिन घरों को तोड़ने के लिए नोटिस भेजा गया है उन्हें इंदिरा आवास के तहत बनाया गया है. जदयू नेता धनंजय सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन जिस नक्शे के आधार पर लोगों के खिलाफ नोटिस दिया गया है वो सही नक्शा नहीं है.
इस मामले में लोगों की शिकायतों पर आरटीआइ से जो जवाब मिला है. उसके अनुसार इसके संबंध में न भू अर्जन कार्यालय में कोई कागजात हैं, और न ही पीडब्ल्यूडी में. उन्होंने पटना कमिश्नर आनंद किशोर और डीएम कुमार रवि से आग्रह किया कि खुद ग्रामीणों की समस्या दूर करें.

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