गंगा में बढ़े जल स्तर ने बढ़ायी लोगों की चिंता
पटना : पिछले तीन दिनों से पटना में गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है. दीघा घाट पर गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. दीघा घाट का जलस्तर 49.39 मीटर पहुंच गया है. एनआइटी का जल स्तर 48.60 मीटर है जो खतरे के निशान पर है.
जिला प्रशासन का कहना है कि यह लोकल बारिश का पानी है और यमुना नदी के रास्ते चंबल घाटी से पानी गंगा नदी में पहुंचा है जिससे जलस्तर बढ़ा हुआ है. हालांकि अभी खतरे जैसी कोई बात नहीं है. बढ़ते जल स्तर को लेकर डीएम कुमार रवि बुधवार को निरीक्षण करने के लिए दीघा पहुंचे. वहां पर घाट और सुरक्षा बांध का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि तटबंध ठीक हैं.
डीएम के साथ निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता, अपर समहर्ता, आपदा प्रबंधन के पदाधिकारी, दानापुर और सदर अनुमंडल के पदाधिकारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे.
जल स्तर बढ़ने से गंगा घाट के किनारे रहने वाले लोगों की बेचैनियां बढ़ीं
गंगा में एक तरफ जलस्तर बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ पटना के सभी घाटों के किनारे रहने वाले लोगों की बैचेनियां भी बढ़ने लगी हैं. प्रशासन के अलावा लोगों की भी नजरें जलस्तर पर हैं. अगर अगले चौबीस घंटे में जलस्तर का बढ़ना जारी रहा तो फिर प्रशासन को सुरक्षा के प्रबंध करने होंगे. क्योंकि राघोपुर दियारा, वैशाली में बाढ़ का पानी आ चुका है. सब्जी की फसलें पानी में डूब गयी हैं. कुछ घरों में भी पानी भरा है. पुनपुन में भी जल स्तर बढ़ने से सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचा है.
बिंद टोली में पहुंची प्रशासन की टीम
गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन की तरफ से निगरानी बढ़ गयी है. बिंद टोली में सामान्य आवागमन बंद हो गया है जिसके लिए डीएम के आदेश पर चार नाव दिये गये हैं. अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि दिन ढलने के बाद नाव नहीं चलेगी. इसकी निगरानी की जाये. बुधवार को डीएम ने दीघा के अलावा जेपी सेतु के पास 93 घाट, कुर्जी मोड़ के पास बिंद टोली, एलसीटी घाट, बांस घाट एवं गांधी घाट का निरीक्षण किया. बिंद टोली में जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन की टीम को भेजा गया है.
गंगा नदी में नहाने व सेल्फी लेने पर रोक
आपदा प्रबंधन और जल संसाधन विभाग को सुलिस गेट को बंद रखने एवं बांध की निगरानी का आदेश दिया गया है. डीएम ने कहा कि वर्ष 2016 में 50.52 मीटर जल स्तर होने पर भी शहर में पानी नहीं आने दिया गया था. इसलिए अभी खतरा नहीं है. सभी थानाध्यक्षों को निगरानी रखने के लिए कहा गया है. किसी के भी गहराई में न जाने और सेल्फी लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है. किसी प्रकार की दुर्घटना से बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ को निगरानी में लगाया गया है.
दिन भर हुई जलस्तर की मॉनीटरिंग
जल स्तर बढ़ने के बाद आपदा प्रबंधन समेत अन्य विभाग सक्रिय हो गयें हैं. डीएम के निर्देश के बाद जलस्तर की मॉनीटरिंग शुरू कर दी गयी है. बुधवार को पूरे दिन मॉनीटरिंग की गयी. दोपहर से लेकर चार घंटे तक जल स्तर में ठहराव पाया गया. रात में पानी के बढ़ने की आशंका है.