पटना : केंद्र सरकार ने बेगूसराय जिले की कावर, वैशाली जिले की बरैला और मोतिहारी जिले की मोती झील की हालत सुधारने के लिए बिहार सरकार से पूरी योजना की मांग की है. इसका मकसद इन झीलों में स्वच्छ पानी की व्यवस्था कर पक्षियों को आकर्षित करना और इकोसिस्टम को ठीक करना है. साथ ही झील में पानी सुनिश्चित कर इलाके के ग्राउंड वाटर लेवल को संतुलित करने की कोशिश करना है.
दरअसल, केंद्र सरकार ने ग्राउंड वाटर लेवल संतुलित करने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पिछले दिनों देश के 130 बड़े वेटलैंड्स को पांच साल में पुनर्जीवित करने की योजना बनायी है. इसमें बिहार की तीन वेटलैंड्स बेगूसराय जिले की कावर, वैशाली जिले की बरैला और मोतिहारी जिले की मोती झील इस सूची में शामिल हैं.
सूत्रों का कहना है कि 42 वर्ग किलोमीटर (6311 हेक्टेयर) के इलाके में फैली कावर झील एशिया की सबसे बड़ी शुद्ध जल (वेटलैंड एरिया) की झील है. साथ ही 1984 में इसे बिहार सरकार ने पक्षी विहार का दर्जा दिया था. वैशाली जिले में बरैला की झील करीब 36 वर्ग किलोमीटर में है.
इसमें भी ठंड के मौसम में प्रवासी पक्षी आते थे, लेकिन झील में बरसात में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं आने से यह गर्मियों में सूख जाती है. वहीं मोतिहारी की मोती झील के कायाकल्प की घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2018 में मोतिहारी में एक सभा के दौरान की थी. इसके तहत यहां एसटीपी और झील के चारों तरफ 9000 मीटर में ड्रेन का निर्माण, सौंदर्यीकरण करवाया जायेगा.