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पटना : न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर दिया गया जस्टिस राकेश का आदेश निरस्त
पटना : पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पूर्ण पीठ ने सोमवार को जस्टिस राकेश कुमार के 28 अगस्त के आदेश को निरस्त कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश के साथ जस्टिस अंजना मिश्रा और जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय भी पूर्ण पीठ में शामिल थे. पूर्ण पीठ […]
पटना : पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पूर्ण पीठ ने सोमवार को जस्टिस राकेश कुमार के 28 अगस्त के आदेश को निरस्त कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश के साथ जस्टिस अंजना मिश्रा और जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय भी पूर्ण पीठ में शामिल थे. पूर्ण पीठ ने अपने आदेश में कहा कि जस्टिस राकेश कुमार को निष्पादित मामले पर स्वतः सुनवाई के लिए न तो प्रशासनिक और न ही न्यायिक अधिकार था. लेकिन, फिर भी उन्होंने ऐसा किया.
केवल मुख्य न्यायाधीश को ही जजों के बीच किसी भी मामला को आवंटित करने का अधिकार है. पूर्ण पीठ ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में जस्टिस राकेश कुमार का आदेश कानूनी रूप से वैध नहीं माना जा सकता है, इसलिए इसे रद्द किया जाता है.
हाइकोर्ट प्रशासन पर की थी तल्ख टिप्पणी
28 अगस्त को जस्टिस राकेश कुमार ने स्वतः पूर्व आइएएस अधिकारी केपी रामय्या के वर्ष 2018 में निष्पादित अग्रिम जमानत की अर्जी पर आदेश पारित कर हाइकोर्ट प्रशासन पर तल्ख टिप्पणी की थी. 28 अगस्त के आदेश की खबर मीडिया में आने के बाद आनन-फानन में 29 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 11 जजों की विशेष पीठ का गठन किया.विशेष पीठ ने जस्टिस राकेश कुमार के आदेश को गैरकानूनी मानते हुए सर्वसम्मति से उसे सस्पेंड कर दिया था. इधर, सोमवार को जस्टिस राकेश कुमार ने न्याय कक्ष संख्या 13 में प्रथम पाली में एकलपीठ में बैठकर मामलों की सुनवाई की. दोपहर 2:15 बजे से जस्टिस कुमार जस्टिस अंजनी कुमार शरण के साथ बैठकर खंडपीठ में मामलों की सुनवाई की.
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