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तीन दिनों का वायरल बुखार सात दिनों में हो रहा ठीक

पटना : राजधानी में मौसम परिवर्तन से वायरल बुखार पांव पसार रहा है. हल्की-फुल्की बारिश के बाद कई दिनों से तेज धूप निकल रही है. बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. राजधानी के अस्पतालों से वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. पीएमसीएच, आइजीआइएमएस और गार्डिनर […]

पटना : राजधानी में मौसम परिवर्तन से वायरल बुखार पांव पसार रहा है. हल्की-फुल्की बारिश के बाद कई दिनों से तेज धूप निकल रही है. बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. राजधानी के अस्पतालों से वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है.

पीएमसीएच, आइजीआइएमएस और गार्डिनर रोड अस्पताल से जब हमने आंकड़े लिये, तो पता चला कि सर्वाधिक रोगी वायरल बुखार के ही सामने आ रहे हैं. इन तीनों अस्पतालों में पिछले एक महीने में लगभग 4800 मरीज वायरल बुखार के भर्ती हुए हैं. सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन व शिशु विभाग में आ रहे हैं.
वायरल बुखार के लक्षण
तेज बुखार आना
पूरे शरीर में दर्द होना
नाक से पानी आना
गले में खराश
हल्की खांसी आना
उल्टी-दस्त होना आदि
क्यों होता है वायरल बुखार
वायरल बुखार इन्फ्लूएन्जा या पैरा-इन्फ्लूएन्जा वायरस के प्रभावी होने के कारण होता है. पीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग के प्रमुख डॉ अभिजीत सिंह ने बताया कि यह वायरस सांस द्वारा शरीर में प्रवेश करता है और हमारी श्वसन प्रणाली पर हमला करता है, जिस कारण गले में खराश, जुकाम आदि होते हैं.
शरीर की प्रतिरोधक शक्ति उस वायरस को नष्ट करने की कोशिश करती है, जिस कारण हमारे शरीर का तापमान बढ़ता है. इसे ही वायरल बुखार कहा जाता है. पहले यह तीन से पांच दिनों तक रहता था, लेकिन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण अब सात से दस दिनों तक इसका असर रह रहा है.
बुखार होने पर नहीं लें एंटीबायोटिक
न्यू गार्डिनर अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा कहते हैं कि वायरल बुखार संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने से हवा में फैलने वाले वायरस के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाता है. इसके अलावा मौसम में आये बदलाव के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है, जिसके चलते लोग आसानी से इसकी चपेट में आ जाते हैं.
बुखार होने पर पारासिटामॉल लें. बुखार से राहत पाने के लिए रोगी को ज्यादा-से-ज्यादा आराम करना चाहिए और अनावश्यक दवाओं, विशेष रूप से एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लेनी चाहिए. रोगी को अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीना चाहिए. ओआरएस भी ले सकते हैं और यदि बुखार नहीं ठीक हो रहा हो, तो फिर डॉक्टर से मिल कर सलाह लें.

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