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मच्छरों व गर्मी से परेशान रहे विधायक अनंत सिंह, सुबह सवा पांच बजे ही खुल गयी नींद
समर्थकों से घिरे रहने वाले अनंत से जेल में नहीं मिलने गया कोई करीबी आम कैदियों की तरह जेल के नियमों का पालन किया पटना : पटना के बेऊर जेल के कैदी नंबर 13617 यानी मोकामा विधायक अनंत कुमार सिंह की नींद सोमवार की सुबह सवा पांच बजे ही खुल गयी वहीं दिन भर वे […]
समर्थकों से घिरे रहने वाले अनंत से जेल में नहीं मिलने गया कोई करीबी
आम कैदियों की तरह जेल के नियमों का पालन किया
पटना : पटना के बेऊर जेल के कैदी नंबर 13617 यानी मोकामा विधायक अनंत कुमार सिंह की नींद सोमवार की सुबह सवा पांच बजे ही खुल गयी वहीं दिन भर वे गर्मी और मच्छरों से परेशान रहे. उठने के बाद वे करीब 20 मिनट तक वह बैठे रहे और उसके बाद बंद कमरे में एक कोने से दूसरे कोने तक टहलते रहे.
हालांकि विधायक का दूसरा दिन सामान्य रहा. जेल प्रशासन की मानें, तो विधायक ने आम कैदियों की तरह जेल के नियमों का पालन किया व ब्रेड, चाय और दाल-चावल खाया. वहीं, रात में विधायक ने चार रोटियां व कद्दूकी सब्जी खायी. जेल अधीक्षक की मानें, तो उन्होंने अतिरिक्त खाने की डिमांड नहीं की.
जेल में एक भी शुभचिंतक नहीं आया मिलने : बाढ़ से लेकर पटना के सरकारी आवास में जहां विधायक अनंत सिंह के आवास पर लोगों का मजमा लगा होता था. वहीं जेल में बंद होने के बाद विधायक से मिलने के लिए अब तक कोई भी शुभचिंतक नहीं गया.
दूसरे दिन कयास लगाये जा रहे थे कि शायद विधायक का कोई खास व्यक्ति उनसे मिलने जाये, लेकिन एक व्यक्ति भी मिलने नहीं गया.
वहीं, सूत्रों की मानें, तो जेल में मिलने के दौरान अस्थायी पता, फोटो पहचान पत्र से लेकर कई आवश्यक कागजात जमा करने के बाद ही कैदियों से मिलना है. इस डर से कोई भी व्यक्ति उनसे मिलने नहीं गया.
कैदियों से बातचीत कर काटा पूरा दिन : विधायक रविवार की रात मच्छर व सोमवार को दिन में गर्मी से परेशान रहे. वहीं, सूत्रों की माने तो दूसरे दिन उन्होंने अखबार में छपे समाचारों को जानने की इच्छा जतायी. अनंत ने जेल में बंद किसी साथी कैदी की मदद से ही अखबार में छपी खबरों के जरिये देश और दुनिया का हालचाल जाना. विधायक ने भोजन और नाश्ता करने के साथ ही शुगर, हाइपरटेंशन और एलर्जी की दवा भी ली.
उल्लेखनीय है कि बिहार के इस बाहुबली विधायक ने पुलिस के साथ सात दिनों तक लुकाछिपी खेलने के बाद दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद उनको पटना लाया गया था. रविवार की सुबह अनंत सिंह को पटना लाने के बाद बाढ़ हाइकोर्ट में पेश किया गया था, जहां उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था.
क्या कहते हैं जेल अधीक्षक
अनंत सिंह का व्यवहार जेल में सामान्य कैदियों की तरह था. उन्होंने अलग से खाने की डिमांड नहीं की. जो सभी कैदियों को खाना दिया गया, वहीं खाना उन्होंने भी खाया. उनसे मिलने दूसरे दिन भी कोई नहीं आया था. वहीं नियमानुसार जो विधायक को जेल में सुविधाएं दी जानी है, वे सुविधाएं जेल प्रशासन की ओर से मुहैया करायी जायेंगी.
जवाहर लाल प्रभाकर, बेऊर जेल अधीक्षक
पटना पुलिस ने रिमांड पर लेने का नहीं दिया आवेदन
पटना : पटना पुलिस ने अनंत सिंह को रिमांड पर लेने के लिए सोमवार को बाढ़ न्यायालय में आवेदन नहीं दिया. हालांकि, पुलिस जल्द ही रिमांड के लिए आवेदन देगी. सूत्रों का कहना है कि बाढ़ की एएसपी व अनंत सिंह केस की अनुसंधानकर्ता लिपि सिंह की तबीयत नासाज थी, जिसके कारण आवेदन नहीं दिया जा सका. क्योंकि अनुसंधानकर्ता ही न्यायालय में रिमांड के लिए आवेदन देता है.
संभावना यह जतायी जा रही है कि जल्द ही अनंत सिंह को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस द्वारा न्यायालय में आवेदन दिया जायेगा. अनंत सिंह को पकड़ने के लिए एसआइटी रेशान रही है. सरेंडर करने के बाद दिल्ली से पटना लाने व कोर्ट में पेश कराने को लेकर परेशान रही थी.
सजा दिलाने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे लोग : सोमवार को अनंत सिंह को सजा दिलाने की मांग को लेकर लोग सड़क पर उतरे व प्रदर्शन किया.
लोगों ने गांधी मैदान से न्याय यात्रा निकाला गया था. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि अनंत सिंह कुख्यात अपराधी हैं और उन्हें सजा अवश्य मिलनी चाहिए. अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद कुछ संगठन मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग कर रहे थे. अब लोग अनंत सिंह को फांसी की सजा दिलाने के लिए भी सड़क पर उतर पड़े हैं.
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