31.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना सिटी : चापाकल ठप, सूख रहे कंठ, जिम्मेदार बेपरवाह

पटना सिटी, खुसरूपुर, पंडारक, मोकामा और फतुहा में पेयजल का संकट पटना सिटी : अनुमंडल के पटना नगर निगम सिटी अंचल व अजीमाबाद अंचल के बीस वार्डों में पीने के पानी पहुंचाने के लिए वार्ड स्तर पर भी लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग व नगर विकास विभाग की ओर से चापकल लगाये गये थे. स्थिति यह […]

पटना सिटी, खुसरूपुर, पंडारक, मोकामा और फतुहा में पेयजल का संकट
पटना सिटी : अनुमंडल के पटना नगर निगम सिटी अंचल व अजीमाबाद अंचल के बीस वार्डों में पीने के पानी पहुंचाने के लिए वार्ड स्तर पर भी लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग व नगर विकास विभाग की ओर से चापकल लगाये गये थे. स्थिति यह है कि अधिकतर वार्डों में लगे चापकल अपना वजूद खो रहे हैं. मुहल्लों में उसकी जगह सबमर्सिबल बोरिंग का चलन बढ़ गया है. इसमें पार्षद अपने विकास निधि कोष से मिनी बोरिंग करा कर पाइप लाइन बिछा कर पानी की आपूर्ति करा रहे हैं. चार साल पहले अंचल के बीस वार्डों में लगभग 250 से अधिक चापाकल लगे थे.
स्थानीय नागरिक अपनी सक्रियता से खराब पड़े चापाकलों को अपने खर्चे से कालम पाइप लगा मरम्मत करा रहे हैं ताकि राहत मिल सके. खराब चापाकलों में अब भी लगभग 75 से 80 कार्य कर रहे हैं, जबकि अधिकतर जगहों पर लगे चापाकलों का वजूद ही मिट गया है. स्थिति यह है कि इन चापाकलों के संबंध में संबंधित विभाग चुप है. पार्षद भी अब चापाकल के बदले सबमर्सिबल बोरिंग करा समस्या के समाधान की दिशा में कार्य कर रहे हैं.
इस मामले में लोक स्वास्थ्य अभियंत्र विभाग के कार्यपालक अभियंता नित्यानंद प्रसाद ने बताया कि विभाग के स्तर पर जितने भी चापाकल लगे हैं, वे खराब हैं, तो नागरिक विभाग के नियंत्रण कक्ष में या उनको सूचित करें. दो दिनों में मरम्मत करा दिया जायेगा. गैर विभागीय चापाकल की मरम्मत नगर विकास विभाग करा रहा है. जल पर्षद के सहायक अभियंता विनोद कुमार तिवारी का कहना है कि सबमर्सिबल बोरिंग का कार्य यांत्रिकी प्रमंडल की ओर से कराया जा रहा है.
सात पंचायतों में 542 में 66 चापाकल खराब
खुसरूपुर. प्रखंड की सात पंचायतों में चापाकलों की कुल संख्या 542 है, जिनमें 66 चापाकल खराब स्थिति में पड़े हैं. 20 चापाकलों को रिप्लेस कर नये चापाकल लगाये गये हैं. स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, पटना की तरफ से और खुसरूपुर की सातों पंचायतों में विकास आयुक्त के प्रपत्र के हिसाब से कुल 98 चापाकलों की अभी और आवश्यकता पायी गयी है.जिनमें 20 चापाकल लगाये जा चुके हैं और बाकी चापाकलों को लगाने के लिए आगे की प्रक्रिया का काम प्रगति पर है.
1177 चापाकलों में 308 हैं खराब
पंडारक. पंडारक प्रखंड में 1177 सरकारी चापाकल हैं. इनमें 308 चापाकल खराब पड़े हुए हैं. प्रखंडकर्मियों ने जानकारी दी कि खराब चापाकलों की पड़ताल की गयी है. तकरीबन 90 चापाकलों को मरम्मत कर चालू किया जा सकता है. जिला से पेयजल की व्यवस्था के लिए 272 नये चापाकलों की मांग की गयी है.
2060 चापाकलों में 700 हैं खराब
मोकामा. मोकामा प्रखंड व नगर पर्षद में 2060 सरकारी चापाकल लगाये गये थे. इनमें 700 चापाकल खराब हो चुके हैं. इनकी मरम्मत का प्रयास किया गया, लेकिन इनमें एक भी दुरुस्त नहीं हो सका. इसको लेकर नये चापाकल लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है. चापाकल खराब होने की स्थिति में लोगों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें