पटना : भारत रत्न वीवी गिरि एक सामान्य परिवार के थे, लेकिन अपनी संगठन शक्ति, संघर्ष और गरीबों के उत्थान की ललक के कारण देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति तक हुए. वे राष्ट्रभक्त नेता थे, जिनसे पूरा देश प्रेरणा ग्रहण करता है. रविवार को अवर अभियंत संघ भवन में आयोजित पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरि की 125वीं जयंती समारोह में महंथ विजयशंकर गिरि ने उक्त बातें कही.
जिज्ञासा संसार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में महंथ गिरि ने कहा कि वीवी गिरि गोस्वामी समाज के स्वर्ण शिखर थे. इनसे प्रेरणा लेकर समाज को संगठित और शिक्षित किया जाना चाहिए. समारोह को अन्य राज्यों से आये विद्वानों विजय गिरि, गिरिवर गोस्वामी, लीलावती गिरी, युवा राष्ट्रीय हिंदू वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराधा भृगुवंशी, राजवल्लभ भारती आदि ने भी संबोधित किया.
कार्यक्रम में देशभर से आये 121 विद्वानों को सम्मानित भी किया. इनमें संजय चौधरी, रजनीश कुमार सिंह, जादूगर ओपी सरकार, अवध नरेश गिरी, नीरज कुमार भारती आदि प्रमुख रहे. इस दौरान जिज्ञासा संसार के वीवी गिरी और गोस्वामी समाज विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया.
