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Thursday, March 28, 2024

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बिहार की नौकरियों को लपक रहे दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी, अंग्रेजी व्याख्याता के 80 फीसदी पदों पर केरल के लोग

शशिभूषण कुंवर लोकल रिजर्वेशन नहीं होने से मिल रहा गैर बिहारियों को लाभ पटना : बिहार की नौकरियों में स्थानीय आरक्षण का प्रावधान नहीं होने का लाभ दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी उठा रहे हैं. स्थिति यह है कि चाहे वह शिक्षक पात्रता परीक्षा टीइटी हो, एसटीइटी हो, बिहार प्रशासनिक सेवा के पद हो, राज्य के […]

शशिभूषण कुंवर
लोकल रिजर्वेशन नहीं होने से मिल रहा गैर बिहारियों को लाभ
पटना : बिहार की नौकरियों में स्थानीय आरक्षण का प्रावधान नहीं होने का लाभ दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी उठा रहे हैं. स्थिति यह है कि चाहे वह शिक्षक पात्रता परीक्षा टीइटी हो, एसटीइटी हो, बिहार प्रशासनिक सेवा के पद हो, राज्य के कॉलेजों में व्याख्याता के पद हो या न्यायिक सेवा के पद, इन सभी सेवाओं में अनारक्षित कोटे की 50 प्रतिशत सीटों में से 20 से 80 प्रतिशत तक सीटें दूसरे प्रदेशों के अभ्यर्थियों के हिस्से में जा रही है.

सिर्फ बिहार में बोली जाने वाली भाषा मैथिली विषय में व्याख्याताओं की अनारक्षित कोटि की 50 प्रतिशत सीटों में से 20 प्रतिशत सीटों पर दूसरे प्रदेशों के अभ्यर्थियों को नौकरी हासिल हुई है. इसी तरह से महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षित 35 प्रतिशत सीटों में अनारक्षित कोटि की सीटें भी दूसरे प्रदेश की महिलाओं को मिल रही हैं. आंध्र समेत दूसरे प्रदेशों में यह है स्थिति : पिछड़ेपन और अन्य मामलों के आधार पर अनारक्षित 50 प्रतिशत सीटों में लोकल रिजर्वेशन को लागू करने वाला पहला राज्य आंध्र प्रदेश है.

अनारक्षित कोटि की वहां की पहले 80 प्रतिशत सीटों और अब 95 प्रतिशत सीटों पर लोकल रिजर्वेशन का प्रावधान किया गया है. इसी तरह से तमिलनाडु में अनारक्षित कोटि की 50 प्रतिशत सीटों में 90 प्रतिशत लोकल रिजर्वेशन और पड़ोसी राज्य झारखंड ने भी सरकारी नौकरियों में अनारक्षित वर्ग की 50 प्रतिशत सीटों में 85 प्रतिशत लोकल रिजर्वेशन का प्रावधान डोमिसाइल के आधार पर किया गया है.
विधानमंडल के माॅनसून सत्र के दौरान राजद विधायक भोला यादव ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था. उनकी मांग थी कि पिछड़ापन के कारण यहां की साक्षरता दर कम है. जो सिलेबस है, उसके आधार पर दूसरे राज्यों की तुलना में कम अंक मिलते हैं. लोकल रिजर्वेशन नहीं होने का नतीजा है कि बिहार प्रशासनिक सेवा के अनारक्षित सीटों में 30 प्रतिशत, टीइटी में 40 प्रतिशत सीटें दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थियों के खाते में जा रही हैं.
अंग्रेजी व्याख्याता के 80 फीसदी पदों पर केरल के लोग
हाल में हुए व्याख्याता पद की नियुक्ति में अनारक्षित वर्ग की 50 प्रतिशत सीटों में से अंग्रेजी विषय में 80 प्रतिशत सीटें केरल के युवाओं के पास चली गयीं. इसी तरह से लोकल रिजर्वेशन नहीं रहने के कारण व्याख्याता नियुक्ति में फिजिक्स विषय की अनारक्षित 50 प्रतिशत सीटों में से 78 प्रतिशत सीटें पश्चिम बंगाल के अभ्यर्थियों के हिस्से में चली गयीं. सदन में सरकार की ओर से प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया था कि जो रिजर्वेशन से बाहर की सीटें हैं, उस पर ऑल इंडिया सिटिजनशिप के लिए खुला होता है. उस पर कानून राज्य नहीं बना सकता. ऑल इंडिया पैमाने पर दूसरे राज्यों के लोग आयेंगे तो उनको नौकरी से नहीं रोका जा सकता. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि अगर दूसरे राज्यों के प्रावधानों को उपलब्ध कराया जाये तो, इसके लिए रास्ता निकालने में कोई आपत्ति नहीं होगी. अन्य राज्यों का देख कर उस पर विचार किया जा सकता है.
बिहार में नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान
– बिहार अधिनियम 17/2002 – इसमें सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत, अनुसूचित जाति एक प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 18 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग 12 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग महिला तीन प्रतिशत और अनारक्षित वर्ग 50 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है.
– बिहार अधिनियम 15/2003 – अधिनियम 2003 में यह प्रावधान किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा पूर्णतः या अंशतः सहायता प्राप्त सभी स्तर एवं सभी प्रकार के शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में आरक्षण का प्रावधान है. इसमें अनुसूचित जातियों के लिए 16%, अनुसूचित जनजातियों के लिए एक प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 18%, पिछड़ा वर्ग के लिए 12%, पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए तीन प्रतिशत और अनारक्षित वर्ग के लिए 50 % सीटों का प्रावधान है.
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