सुमित कुमार/प्रभात रंजन
पटना : पाटलिपुत्र को-ऑपरेटिव हाउस कंस्ट्रक्शन सोसायटी लिमिटेड के तहत बसायी गयी आवासीय पाटलिपुत्र कॉलोनी के 689 भूखंडों में 244 पर गैर आवासीय गतिविधियां चलायी जा रही हैं. इनमें अपार्टमेंट निर्माण से लेकर स्कूल, कोचिंग, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, होटल, गेस्ट हाउस, ऑफिस आदि संचालित हो रहे हैं. न्यायालय, निबंधक सहयोग समिति ने इन सभी गैर आवासीय संरचना को अवैध घोषित करते हुए भूखंड के आवंटी पाटलिपुत्र को-ऑपरेटिव हाउस कंस्ट्रक्शन सोसायटी को कार्रवाई का निर्देश दिया है. पटना के डीएम, एसएसपी, नगर आयुक्त से लेकर संबंधित पदाधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गयी है.
वर्ष 2017 में दर्ज मामले में आया फैसला
आवंटियों द्वारा आवासीय संरचना में बदलाव कर बहुमंजिला निर्माण व गैर-आवासीय उपायोग के खिलाफ सेवानिवृत्त न्यायाधीश उदय सिन्हा ने वर्ष 2017 में निबंधक, सहयोग समिति के न्यायालय में केस दर्ज कराया था. इस मामले में चार जुलाई, 2019 को निर्णय आया है.
निबंधक, सहयोग समिति न्यायालय ने साफ कहा है कि समिति प्रबंधन शत-प्रतिशत इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करे, अन्यथा इसमें समिति प्रबंधन की सहभागिता मानते हुए बिहार सहकारी समितियां अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के तहत उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
- पाटलिपुत्र को-ऑपरेटिव हाउस कंस्ट्रक्शन को कार्रवाई का निर्देश
- 244 भूखंडों पर गैर आवासीय गतिविधियां चलायी जा रही हैं
- जिला सहकारिता कार्यालय ने भेजा नोटिस
न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में जिला सहकारिता कार्यालय ने आवासीय भूमि का गैर-आवासीय उपयोग करने वाले सभी 244 आवंटियों को नोटिस भेजा था. इनमें 60 आवंटियों का नोटिस का जवाब भी आ गया है. जिला सहकारिता पदाधिकारी लवली कुमारी ने बताया कि जवाब का अध्ययन किया जा रहा है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
सस्ती दर पर सरकारी सेवकों को किया गया था आवंटन
एसके पुरी व राजेंद्र नगर में भी चल रही हैं व्यावसायिक गतिविधियां
पटना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (विघटित) ने एसके पुरी व राजेंद्र नगर को आवासीय कॉलोनी के रूप में विकसित किया था. बिहार राज्य आवास बोर्ड ने कंकड़बाग व बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में आवासीय फ्लैट व भूखंड और गैर-आवासीय उपयोग के लिए भी भूखंड आवंटित किया. लेकिन, आवास बोर्ड के आवासीय फ्लैटों व भूखंडों पर धड़ल्ले से व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं.