पटना : बिहार सरकार पर बिहार राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के 665 करोड़ बकाये की वसूली मामले में शुक्रवार को पटना सिविल कोर्ट की टीम मुख्य सचिव समेत तीन विभागों के प्रधान सचिव का दफ्तर सीज करने पहुंच गयी.
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665 करोड़ बकाये की वसूली के मामले में कार्रवाई
पटना : बिहार सरकार पर बिहार राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के 665 करोड़ बकाये की वसूली मामले में शुक्रवार को पटना सिविल कोर्ट की टीम मुख्य सचिव समेत तीन विभागों के प्रधान सचिव का दफ्तर सीज करने पहुंच गयी. दोपहर बाद मुख्य सचिवालय पहुंची सिविल कोर्ट की टीम को देख सचिवालय में अफरा तफरी […]
दोपहर बाद मुख्य सचिवालय पहुंची सिविल कोर्ट की टीम को देख सचिवालय में अफरा तफरी का माहौल रहा.जिस समय कोर्ट की टीम पहुंची उस समय मुख्य सचिव दीपक कुमार अपने कक्ष में मौजूद नहीं थे. टीम ने सहकारिता विभाग सह समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद से मुलाकात की. टीम द्वारा अदालती आदेश से प्रधान सचिव को अवगत कराया.
प्रधान सचिव ने बताया कि कोर्ट के आदेश मामले में एक सप्ताह का समय मांगा गया है. कोर्ट के आदेश पर रोक के लिए सरकार अपील करेगी. पटना जिला अदालत की मुसिंफ सारिका बहालिया की कोर्ट ने आदेश दिया था.
मुख्य सचिव समेत तीन विभागों के प्रधान सचिव के दफ्तर जद में
कोर्ट के आदेश को लेकर सिविल कोर्ट के नाजिर मुख्य सचिव के दफ्तर गये थे. प्रधान सचिव ने बताया कि कोर्ट की टीम से एक सप्ताह का समय मिल गया है. सहकारी भूमि विकास बैंक के बकाया का पेचीदा मामला है. इस मामले में स्टे नहीं मिलने से ऐसी हुई स्थिति पैदा हो गयी.
दरअसल, भूमि विकास बैंक की करीब 570 करोड़ की कृषि ऋण की वसूली के लिए पटना हाइ कोर्ट ने सुभाष चंद्र झा को मध्यस्थ नियुक्त किया था. कृषि विकास के नाम पर सरकार द्वारा विभिन्न तिथियों पर ली गयी 570 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ है. इस पर बैंक ने राज्य सरकार समेत पांच विभागों के प्रधान सचिव को पार्टी बनाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी.
30 जून, 2016 को पंचाट ने छह माह के भीतर 493.70 करोड़ तत्काल भुगतान का आदेश दिया. ऐसा नहीं होने पर आठ फीसदी ब्याज देने का भी आदेश दिया. कोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, पर सरकार को नहीं राहत नहीं मिली.
इसके बाद बैंक की ओर से उसके अधिवक्ता ने 10 सितंबर, 2018 को वसूली संबंधी अपील दाखिल किया. इसके तहत कुल 664.85 रुपये वसूली का दावा किया गया. इसी राशि की वसूली के लिए मुसिंफ ने मुख्य सचिव समेत पांच अधिकारियों की संपत्ति कुर्क का आदेश जारी किया है.
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