शहरी क्षेत्र में नयी व्यवस्था के बाद भी बने रहेंगे रसोइये
पटना : पटना शहर के 500 से अधिक रसोइयों का मानदेय जारी करने के अादेश हो गये हैं. अगले एक-दो दिनों में प्रति रसोइया 1250 रुपये के हिसाब से राशि उनके खाते में डाल दी जायेगी. जिले के मिड डे मील अधिकारी रूपेंद्र कुमार सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शहरी क्षेत्र में मिड डे मील के प्रबंधन की जिम्मेदारी एनजीओ को सौंपने के बाद भी स्कूल में रसोइये बने रहेंगे.
सिंह ने बताया कि उनका काम पहले की तरह बच्चों को खाना परोसना और उनके बर्तन साफ करना बना रहेगा. जानकारी हो कि पटना शहर और उसके निकटवर्ती इलाके में जन चेतना नाम के एनजीओ को मिड डे मील बांटने और वितरण की जिम्मेदारी दी गयी है.
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक : इधर गुरुवार को ही मिड डे मील प्रभारी रूपेंद्र सिंह ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बताया गया कि अभी कई प्रखंडों में चावल का उठाव नहीं हो पाया है, जिससे मिड डे मील बनाने में दिक्कत आ रही है. संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिये गये कि नयी व्यवस्था के तहत मिड डे मील का प्रबंध किया जाना है.
रसोइयों को न्यूनतम वेतनमान दिलाने के लिए याचिका दाखिल
राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसाेइया फ्रंट की तरफ से मिड डे मील योजना के तहत कार्यरत रसाेइयों को न्यूनतम मजदूरी दिलाने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गयी है. फ्रंट ने बताया कि छह अगस्त को याचिका के संदर्भ में सभी पक्षों को हाइकोर्ट में बुलाया गया है. यह जानकारी फ्रंट के संस्थापक सह राष्ट्रीय महासचिव राम कृपाल ने दी है. फ्रंट के प्रदेश संयोजक उपेंद्र कुमार ने याचिका के संदर्भ में बताया कि अधिकतम 1500 रुपये मिलते हैं, जबकि श्रम विभाग की तरफ से अकुशल मजदूरों को भी 370 रुपये रोजाना मिला करते हैं. इस लिहाज से रसोइयों का वेतन अभी कम है.