पटना : मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चों की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के हलफनामा दाखिल किये जाने के बाद विरोधियों के साथ-साथ सहयोगी दलों के नेताओं ने भी आवाज उठाने शुरू कर दिये हैं. अब सरकार के गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के नेता ने सवाल उठाये हैं. मालूम हो कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री पांडेय बीजेपी कोटे से ही हैं.
बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष व पार्टी सांसद गोपाल नारायण सिंह ने बुधवार को कहा कि लालू जी के समय से आज तक बिहार में मेडिकल कॉलेजों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. उसी समय से डॉक्टरों की कमी है. सरकार ने भी ध्यान नहीं दिया है. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किये जाने पर उन्होंने कहा कि हलफनामा दाखिल करने से कुछ हल नहीं होता, यह बिहार सरकार की कमजोरी है.
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बीमारी को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए बताया है कि सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत 12,206 पदों के लिए सिर्फ 5,205 डॉक्टर ही तैनात हैं. वहीं, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत क्षमता 19,155 के मुकाबले मात्र 5,634 नर्सें ही तैनात हैं.