Advertisement
फुलवारीशरीफ : जश्न-ए-वारिस पाक धूमधाम से मना
फुलवारीशरीफ : या वारिस पिया एक नजर, कर दो करम के नारे के साथ शनिवार की देर शाम जश्न-ए-वारिस पाक की शुरुआत हुई. शनिवार की सुबह से लेकर देर रात तक इसानगर का चप्पा-चप्पा गुलजार रहा. वारिस पिया के मानने वालों ने इसमें शिरकत की. इस दौरान हजरत हाफिज सैयद वारिस अली शाह की शान […]
फुलवारीशरीफ : या वारिस पिया एक नजर, कर दो करम के नारे के साथ शनिवार की देर शाम जश्न-ए-वारिस पाक की शुरुआत हुई. शनिवार की सुबह से लेकर देर रात तक इसानगर का चप्पा-चप्पा गुलजार रहा. वारिस पिया के मानने वालों ने इसमें शिरकत की. इस दौरान हजरत हाफिज सैयद वारिस अली शाह की शान में पढ़े गये मनकबत पर लोग झूम उठे.
इस जश्न में देवाशरीफ से आये पीर महताब शाह वारसी ने फरमाया कि एकेश्वरवाद का संदेश देने वाले सूफी संत हाजी सैयद वारिस अली की शिक्षा आज भी सर्वधर्म समभाव एवं उदारवाद की बुनियाद बनी है . उन्नीसवीं सदी में शुरू हुआ उनकी विचारधारा का कारवां आज विशाल काफिले का रूप लेकर देश की सरहदों को पार कर कई देशों में फैला है. उन्होंने ने आगे कहा कि सूफी संत हाजी वारिस अली शाह का जीवन दर्शन एवं शिक्षा सर्वधर्म समभाव पर आधारित है. खंडित समाज को अपने उपदेशों एवं आध्यात्मिक दर्शन से एकसूत्र में पिरोने का कार्य हाजी वारिस अली शाह ने किया है.
समारोह में आयोजक बबलू वारसी ने कहा कि वारसी ने अकीदतमंदों का खैरमकदम किया. उन्होंने बताया कि हजरत हाफिज सैयद वारिस अली शाह की याद में हर वर्ष यह आयोजन होता . इससे पहले 11 बजे कुरआनखानी हुई. शाम में लंगर का आयोजन किया गया . रात में मिलादुन्नबी फिर शमा-ए-महफिल का आयोजन किया गया.कुलशरीफ के साथ आयोजन का समापन हुआ.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement