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पटना : तीन विश्वविद्यालयों से संबंधित 36 मामलों का हुआ निबटारा
पटना : राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देश पर राजभवन में प्रत्येक माह होने वाले जन-विमर्श कार्यक्रम के दौरान बुधवार को पटना विवि, आर्यभट्ट ज्ञान विवि व जेपी विवि से संबंधित कुल 36 मामलों का निबटारा किया गया. सुनवाई में तीनों कुलपतियों, राजभवन के अपर सचिव विजय कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी व न्यायिक पदाधिकारी आदि ने […]
पटना : राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देश पर राजभवन में प्रत्येक माह होने वाले जन-विमर्श कार्यक्रम के दौरान बुधवार को पटना विवि, आर्यभट्ट ज्ञान विवि व जेपी विवि से संबंधित कुल 36 मामलों का निबटारा किया गया. सुनवाई में तीनों कुलपतियों, राजभवन के अपर सचिव विजय कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी व न्यायिक पदाधिकारी आदि ने भाग लिया.
यह था मामला : पटना विवि के अंतर्गत सायंस कॉलेज, पटना की एक कर्मी चंदा देवी की सेवा के दौरान आकस्मिक मृत्यु के बाद उनकी पुत्री अनिता कुमारी का अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के एक मामले में शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त करने का निर्णय लिया गया.
इसी विवि के कर्मी एमएस हैदर के प्रोन्नति विषयक एक मामले को आवेदक के पक्ष में निष्पादित किया गया. व्योमेश विभव के बायो केमेस्ट्री में गेस्ट फेकेल्टी के साथ-साथ वनस्पति विज्ञान में भी नियुक्ति के मामले में कुलपति को नियमानुरूप कार्रवाई को अधिकृत किया गया. इस विवि के अधीन सेवांत लाभ के मामलों में कम भुगतान की शिकायत की जांच कराते हुए समुचित कार्रवाई का निदेश कुलपति को प्रदान किये गये.
कुछ मामले भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति विषयक थे, जिन पर यथोचित कार्रवाई के निदेश कुलपति को दिये गये. डॉ जाकिर हुसैन इंस्टीटयूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट की संबद्धता के मामले को अभ्यावेदक के पक्ष में निस्तारित किये जाने की सूचना विवि के कुलपति ने दी. जेपी विवि के अधीन रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं रहने या गलत रहने की वजह से परीक्षा परिणाम बाधित होने से जुड़े कई मामले ‘जन-विमर्श’ के आज के कार्यक्रम में उपस्थपित हुए.
मो साहेराब उर्दू डिग्री कॉलेज, गोपालगंज की निधि कुमारी तथा राजेश राजन (डॉ भूषण प्रसाद डिग्री कॉलेज, बभनैया, सारण) से जुड़े ऐसे ही मामलों में 15 जुलाई तक प्रमाणपत्र संबंधित विद्यार्थियों को जांचोपरांत उपलब्ध करवा देने का आदेश कुलपति को प्रदान किया गया.
राज्यपाल ने दिये निर्देश
जन-विमर्श कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कहा कि कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन अभ्यावेदन प्राप्त करने की भी व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित की जाये तथा प्रत्येक माह तीन-तीन विश्वविद्यालयों के कम-से-कम 15-15 मामलों का निस्तारण अवश्य किया जाये. राज्यपाल ने कहा कि जन-विमर्श कार्यक्रम के दौरान कुलपतियों व अन्य संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति आवश्यक होगी.
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