मसौढ़ी : नगर के रामजानकी मंदिर परिसर में स्थित पार्क की स्थिति बदहाल है. पार्क में लगे छोटे-बड़े दर्जनों पौधे सुख गये हैं. वहीं पार्क में बैठने के लिए बनी बेंच उग आयी झाड़ी से दब गयी है. सबसे हैरानी की बात है की पार्क के मुख्य गेट पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है. इस वजह से कोई चाह कर भी पार्क में नहीं जा सकता. नगर पर्षद द्वारा भारी भरकम राशि से पार्क तो बना दिया गया, लेकिन जिस उद्देश्य से पार्क का निर्माण नगर पर्षद द्वारा कराया गया था, उसमें वह विफल है.
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पार्क के मुख्य द्वार पर अतिक्रमण, अंदर भी स्थिति बदतर
मसौढ़ी : नगर के रामजानकी मंदिर परिसर में स्थित पार्क की स्थिति बदहाल है. पार्क में लगे छोटे-बड़े दर्जनों पौधे सुख गये हैं. वहीं पार्क में बैठने के लिए बनी बेंच उग आयी झाड़ी से दब गयी है. सबसे हैरानी की बात है की पार्क के मुख्य गेट पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है. इस […]
सबसे आश्चर्य की बात है कि जब इस संबंध में नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी किशोर कुणाल से पूछा गया तो पूर्व की तरह इस बार भी उनका जबाव था कि मेरे संज्ञान में नहीं है और अगर इस संबंध में कोई लिखित शिकायत मेरे पास करेगा तो इस पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
जानकारी के अनुसार वर्ष 2002 में नगर के बीचोबीच रामजानकी मंदिर परिसर में मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के तहत नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से मंदिर परिसर के पूरब जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़े तालाब को भर एक ओर एक सुंदर सा तालाब व उसके बगल में पार्क का निर्माण कराया था.
तत्कालीन विधायक पूनम देवी व उस वक्त के मुख्य पार्षद पंकज कुमार सिंह की विशेष रुचि की वजह से इसका निर्माण कार्य पूरा हो पाया. निर्माण के बाद उक्त तालाब में मोटर बोट चलाने की योजना थी जो आज तक पूरी नहीं हो सकी. पार्क के निर्माण से लोगों को लगा था कि बीच बाजार में पार्क निर्माण हो जाने से लोगों को अपने कार्य से मुक्त होने के बाद पार्क में आ लोग अपना मन बहला पायेंगे.
निर्माण के कुछ साल तक सब ठीक ठाक रहा, लेकिन बाद में उसकी स्थिति बद से बदतर होती चली गयी. आज स्थिति है कि पार्क में लगी लाइट कहां है जिसका कोई पता नहीं, बेंच भी झाड़ी से दब गयी है. मुख्य गेट के पास बने दो आगंतुक कक्ष कब खुलता है बगल के लोगों को भी पता नहीं.
क्या कहना है लोगों का
पार्क के बगल में स्थित है इनकी दुकान हैं लेकिन इन्हें खुद नहीं मालूम कि तालाब के बगल में बना पार्क है.
संजय कुमार
रामजानकी मंदिर में बना पार्क व तालाब के अलावा कम्युनिस्ट हाल की देखरेख करने की जिम्मेवारी एक ऐजेंसी को दी गयी है, लेकिन उनके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता जिस वजह से पार्क की स्थिति बदहाल है.
शशि प्रकाश गुप्ता
बाजार के बीचो बीच पार्क का निर्माण होने से आस जगी थी कि कुछ समय पार्क में रिलैक्स किया जायेगा.
अजय कुमार
सुसज्जित पार्क की आवश्यकता है, इस पर प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है. रामजानकी मंदिर परिसर में पार्क की बदहाल स्थिति के लिए मंदिर न्यास बोर्ड के लोग भी जिम्मेवार हैं.
बालेंदु भारती
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